इंदौर के तीन अस्पतालों को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस, मरीज लौटाने का मामला

Smart News Team, Last updated: Thu, 24th Sep 2020, 7:38 PM IST
  • इंदौर. अस्पतालों में आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार उपचार दिया जाना उनकी पहली प्राथमिकता है. मगर इसमें लापरवाही बरतने पर इंदौर के गोकुलदास, मेदांता और अरबिंदो को नोटिस दिया गया है. हाईकोर्ट ने सभी अस्पतालों को अपने अपने यहां सीसीटीवी फुटेज संभाल कर रखने के भी निर्देश जारी किए.
इंदौर हाईकोर्ट

इंदौर। इंदौर की हाईकोर्ट ने तीन अस्पतालों को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि लगातार हो रही मौतों के जिम्मेदार अस्पताल संचालक हैं. वह मरीजों को बिना देखे हैं वापस लौटा देते हैं. जिससे हालात बिगड़ते जा रहे हैं. वर्तमान में वैश्विक महामारी चल रही है इसलिए अस्पतालों में आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार उपचार दिया जाना उनकी पहली प्राथमिकता है. मगर इसमें लापरवाही बरतने पर इंदौर के गोकुलदास, मेदांता और अरबिंदो को नोटिस दिया गया है.

हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने यह निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने सभी अस्पतालों को अपने अपने यहां सीसीटीवी फुटेज संभाल कर रखने के भी निर्देश जारी किए. प्रशासन को भी इस मामले में दखल देने के निर्देश दिए हैं. नीलेश मानोरे नामक व्यक्ति ने यह याचिका दायर की थी. जिसका हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है.

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दायर याचिका में यह मांग की गई थी कि मरीज एक बार अस्पताल पहुंच जाए तो उसे प्रारंभिक उपचार हर हाल में दिया जाना चाहिए. एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकने में ही मरीज दम तोड़ देते हैं. जिसमें अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ उजागर हो रही है. जिला प्रशासन ने अस्पताल में कोविड के लिए बेड आरक्षित किए हैं, बाकी बेड अन्य मरीजों की व्यवस्था किए जाने के लिए सुरक्षित हैं. जिसमें हार्ट, ब्लड प्रेशर, शुगर, किडनी, लीवर सहित अन्य बीमारियों के मरीज भी अस्पताल पहुंच रहे हैं. तो उन्हें वहां से बैरंग वापस लौटा दिया जाता है. बीमारी के अलावा मरीजों की मानसिक तनाव से भी मौत हो रही है. इसके पूर्व अधिवक्ता अचला जोशी का निधन होने के बाद भी इसी तरह की याचिका दायर की गई थी. जिसमें भी हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किए थे.

 

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