आरटीआई में मांगी सूचना नहीं दी, अब अफसरों के वेतन से कटेंगे 30 हजार रुपए

Smart News Team, Last updated: Thu, 1st Apr 2021, 10:13 PM IST
  • राज्य सूचना आयोग की ओर से लोगों को सूचना के अधिकार से वंचित रखने पर कड़ा कदम उठाया गया है. इस संदर्भ में भू विभाग के अफसर पर दो अलग-अलग मामलों में और उदयपुर में पश्चिमी क्षेत्र के वन संरक्षक पर जुर्माना लगाया गया है.
फाइल फोटो

जयपुर. राज्य सूचना आयोग ने सूचना अधिकार कानून की अनदेखी करने और लोगों को सूचना से वंचित रखने पर खान एवं भू विज्ञान विभाग के एक अफसर पर दो अलग-अलग मामलों में दस दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. एक अन्य मामले में आयोग ने उदयपुर में पश्चिमी क्षेत्र के वन संरक्षक पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि उनकी तनख्वाह से काटे जाने का आदेश दिया गया है. इसी प्रकार इसी तरह प्रतापगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पर भी पांच हजार रुपए की पेनल्टी लगाई गई है. 

आयोग के समक्ष कोटा जिले में रामगंजमंडी के एक नागरिक महावीर ने वहां के खनिज अभियंता के विरुद्ध शिकायत की थी. महावीर का कहना था कि वे लंबे समय से अपने क्षेत्र में पत्थर खदानों के लीज निरीक्षण में पाई गई कमियों के बारे में सूचना मांग रहे थे. महावीर ने सितंबर, 2019 को सूचना के लिए अर्जी दी थी. लेकिन खनिज अभियंता ने इस सूचना को तीसरे पक्ष की बता कर सूचना देने से इंकार कर दिया. खनिज अभियंता ने जब उनकी अलग-अलग दो अर्जियों की उपेक्षा की, आवेदक ने विभाग के अतिरिक्त निदेशक के सम्मुख अपील दायर की, अतिरिक्त निदेशक ने भी नागरिक की अर्जियों में मांगी गई सूचना को मुहैया करने लायक माना और अपने खनिज अभियंता को तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया, लेकिन खनिज अभियंता ने इसे भी कोई तवज्जो नहीं दी. इस पर महावीर ने आयोग में अपील की. 

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राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने सुनवाई के दौरान अधिकारी के इस रुख पर नाराजगी जाहिर की और दोनों मामलो में दस-दस हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. जंगल की आबो हवा को नुकसान पहुंचाने की शिकायत नहीं की सूचना नहीं दी. आयोग ने सूचना देने में कोताही बरतने पर उदयपुर के पश्चिम क्षेत्र के वन संरक्षक पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहां ग्रामीणों ने वन क्षेत्र में कथित प्रभावशाली लोगों द्वारा कुआं खोदने और जंगल की आबो हवा को नुकसान पहुंचाने को लेकर एक साल भर पहले वन विभाग में शिकायत की थी. इसे लेकर स्थानीय व्यक्ति बलराम मीणा ने इस शिकायत पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी लेकिन,वन संरक्षक ने इसे महत्व नहीं दिया.

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आयोग ने वन संरक्षक को नोटिस भेज कर जवाब तलब किया लेकिन वन अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया. इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने सख्ती दिखाते हुए वन संरक्षक पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है. आयोग ने वन विभाग को यह भी निर्देश दिया है कि आवेदक को पंद्रह दिन में सूचना मुहैया करवाए. इसी तरह प्रतापगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पर भी पांच हजार रुपए की पेनल्टी लगाई गई है. प्रतापगढ़ के रमेश चंद जैन ने आयोग में अपील दाखिल कर शिकायत की थी कि विभाग उनके वेतन स्थरीकरण पर मांगी गई सूचना नहीं दे रहा है. आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी पर जुर्माना लगते हुए पंद्रह दिन में सूचना उपलब्ध करने का निर्देश दिया है.

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