जयपुर: गहलोत सरकार के विश्वास प्रस्ताव के समय गायब भाजपा विधायकों ने रखा पक्ष
- राजस्थान में गहलोत सरकार के उठा-पटक के बाद 14 अगस्त को आयोजित हुए विधानसभा सत्र से भाजपा के चार विधायकों को गायब रहना भारी पड़ सकता है. आज चारों विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतिश पूनिया के समक्ष अपना पक्ष रखा है.
जयपुर में विधानसभा सत्र के दौरान 14 अगस्त को सदन से गायब हुए भाजपा के चारों विधायकों ने आज प्रदेश नेताओं के सामने अपना पक्ष रखा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने चारों विधायकों को अलग-अलग बुलाकर उनका पक्ष जाना. दोनों नेताओं ने माना कि व्हिप जारी होने के बाद बिना किसी सूचना के विधायकों का सदन से गायब होना बड़ी लापरवाही है.
गुलाब चंद कटारिया ने मीडिया से कहा कि कोई भी निर्णय करने से पहले सामने वाले का पक्ष सुन लेना न्यायोचित होता है. व्यक्ति को व्यक्तिगत नहीं सुने तो निर्णय में चूंक हो सकती है. व्यक्तिगत सुनने के लिए एक-एक से बात की गई है. प्रमुख लोग बैठकर आगे निर्णय करेंगे. कार्यवाही हमें ही करनी है और अगर केंद्रीय नेतृत्व रिपोर्ट मांगता है तो भेजेंगे.
जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा और धरियावाद विधायक गौतम मीणा 14 अगस्त को सदन से गायब हो गए थे. प्रदेश भाजपा ने मामले को गंभीर मानते हुए विधायकों को जवाब देने के लिए जयपुर तलब किया था.
विधायकों ने सत्र में अनुपस्थित रहने के अलग अलग तर्क दिए. विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि मेरी तबियत बिगड़ गई थी. जिसकी वजह से मैं सदन में नहीं ठहर सका. अभी भी मेरी तबीयत ठीक नहीं है. विधायक हरेंद्र निनामा ने कहा कि उनको व्हिप का पता नहीं था. सुबह सत्र एक बजे तक स्थगित होने के बाद विधानसभा क्षेत्र के लिए रवाना हो गया था. विधायक कैलाश मीणा ने कहा कि मेरी गाड़ी खराब हो गई थी. उसे रिपेयरिंग के लिए दे रखी थी, जिसे लेने गया था. इसके बाद तेज बारिश में फँस गया. गोपाल मीणा ने खराब मौसम का हवाला दिया. सभी विधायकों ने ये जरूर कहा कि वे पार्टी के समर्पित विधायक हैं. उनको किसी ने कोई प्रलोभन नहीं दिया.
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