जयपुर: 27 साल से साधु के वेश में छिपे अपराधी का पुलिस ने शिष्य बनकर किया खुलासा
- गिरफ्तार वारंटी बंधु उर्फ देशबंधु जाट वर्ष 1994 में मारपीट के एक मुकदमे में फरार था. आरोपित अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना मूल निवास और कार्यक्षेत्र स्थान छोड़कर साधु का वेश धारण कर लिया और बापोडा में एक आश्रम में निवास करने लगा.

जयपुर के विश्वकर्मा थाना पुलिस ने 27 साल से फरारी काट रहे एक स्टैण्डिंग वारंटी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. आरोपी पुलिस से बचने के लिए साधु बनकर एक आश्रम में रह रहा था. इस कारण से वजह से वह निरंतर पुलिस की पकड़ से बचता रहा. हाल ही में पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि यह आरोपी हरियाणा के एक आश्रम में साधु बनकर फरारी काट रहा है.
इसके बाद पुलिस की एक टीम सिविल ड्रेस में आश्रम तक पहुंची और वहां जाकर साधु के शिष्य बन गए. पुलिस की टीम ने शिष्य बनकर साधु की पुरानी कुंडली खंगाली तो पता चला कि यह 27 साल पहले मारपीट के मामले में फरारी काटने का मामला है. इसके बाद पुलिस टीम के सदस्य जो उसके शिष्य बनकर आश्रम में आरोपी के साथ रह रहे थे, उन्होंने साधु को गिरफ्तार कर लिया. डीसीपी (वेस्ट) प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि अभियान के तहत स्थाई वारंटी बंधु उर्फ देशबंधु जाट निवासी बापोड़ा आश्रम भिवानी हरियाणा को गिरफ्तार किया गया है.
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गिरफ्तार वारंटी बंधु उर्फ देशबंधु जाट वर्ष 1994 में मारपीट के एक मुकदमे में फरार था. उस समय वारंटी चांद फीलिंग स्टेशन पेट्रोल पंप पर काम करता था. आरोपित बंधु उर्फ देशबंधु ने अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना मूल निवास और कार्यक्षेत्र स्थान छोडकर साधु का वेश धारण कर लिया और बापोडा में एक आश्रम में निवास करने लगा. वहीं विश्नोई से ही एक और ऐसा मामला सामने आया है जहां वारंटी सूबे सिंह जाट पुलिस के साथ आंख मिचौली खेल रहा था. आरोपी सूबे सिंह टैक्सी चलाता था. पुलिस को अपने खूफिया सूत्रों से आरोपी की जानकारी मिली तो अपना जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
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