आर्थिक संकट से जूझ रहा जयपुर ग्रेटर नगर निगम, HUDCO से लोन लेने की तैयारी

Smart News Team, Last updated: Thu, 21st Jan 2021, 8:54 PM IST
  • जयपुर ग्रेटर नगर निगम आर्थिक संकट से उबरने के लिए हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुडको) से लोन लेने की तैयारी कर रहा है. शर्तों के मुताबिक निगम को 500 करोड़ के लोन की रकम 15 साल में हर महीने 4.80 करोड़ रुपए के हिसाब से चुकाना होगा, जो निगम के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.
जयपुर नगर निगम (फाइल फोटो)

जयपुर. नगर निगम ग्रेटर जयपुर वर्तमान में गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. खजाना खाली होने के कारण नगर निगम ने कई टेंडर निरस्त कर दिए हैं, वहीं नए कार्यों की स्वीकृति नहीं दी जा रही है. उपर से पार्षद कार्यालयों को सजाने संवारने के लिए फंड देने की लगातार मांग कर रहे हैं. निगम अपनी आर्थिक तंगी दूर करने के लिए हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुडको) से लोन लेने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए साधारण सभा में प्रस्ताव भी लाया जा रहा है, लेकिन लोन लेने के बाद उसे चुकाने की प्लानिंग नहीं कर पाया है.

इस लोन के मद में निगम को हर महीने 4 करोड़ 80 लाख रुपए चुकाने होंगे. वर्तमान परिस्थितियों में निगम के लिए यह पैसा चुकाना आसान नहीं होगा. शर्तों के मुताबिक निगम को 500 करोड़ के लोन की रकम 15 साल में चुकानी होगी. दो साल का पीरियड मोरेटोरियम होगा, यानि इस अवधि में निगम को लोन का पैसा चुकाना नहीं पड़ेगा. इसके बाद निगम को हर महीने 4.80 करोड़ रुपए के हिसाब से लोन का पैसा देना होगा. लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से निगम इस बार वसूली में पिछड़ गया है. सरकार ने भी सख्ती नहीं करने के निर्देश दे रखे हैं. ऐसे में निगम के लिए यह राशि चुकाना टेढ़ी खीर साबित होगा. वहीं, दूसरी ओर नगर निगम पर ठेकेदारों का भी 300 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है. 

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मार्च, 2019 के बाद पिछले 22 माह से ठेकेदारों को पैसा नहीं दिया गया है. यही वजह है कि ठेकेदार 17 दिन से हड़ताल पर चल रहे हैं. लोन से जो पैसा मिलेगा, उसका एक बड़ा हिस्सा ठेकेदारों की बकाया चुकाने पर ही खर्च हो जाएगा. नगर निगम ग्रेटर की पहली साधारण सभा की बैठक में पार्षदों के भत्ते बढ़ाने की भी तैयारी की जा रही है. अगर सरकार से भत्ते बढ़ाने को मंजूरी मिल जाती है तो निगम पर अतिरिक्त भार पड़ेगा. उपर से पार्षद लगातार महापौर पर अपने कार्यालयों को सजाने-संवारने के लिए फंड देने की भी मांग कर रहे हैं.

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