जयपुर: जेल में मिली प्रतिबंधित सामग्री तो कैदी के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

Smart News Team, Last updated: Mon, 10th Aug 2020, 9:14 PM IST
  • जयपुर में कारागार विभाग की समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि राजस्थान की जेलों में अब कैदियों के पास मोबाईल या अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिलेगी तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. साथ ही उसे तत्काल दूसरी जेल में शिफ्ट किया जाएगा.
जयपुर जेल

राजस्थान की जेलों में अब कैदियों के पास मोबाईल या अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिलेगी तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. साथ ही उसे तत्काल दूसरी जेल में शिफ्ट किया जाएगा. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को शासन सचिवालय में आयोजित कारागार विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गयी. बैठक में महानिदेशक जेल बीएल सोनी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.

रोहित कुमार सिंह ने समस्त कारागृहों में मोबाइल, सिम कार्ड व अन्य प्रतिबन्धित सामग्री की रोकथाम के लिए सघन तलाशी अभियान चलाने करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने तलाशी की वीडियो रिकार्डिंग करने एवं संवेदनशील कारागृहों पर स्टाफ को एक निश्चित अवधि के बाद दूसरी जगह ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं.

महानिदेशक जेल बीएल सोनी ने बताया कि प्रदेश में 10 केन्द्रीय कारागृह एवं एक उच्च सुरक्षा कारागृह तथा 40 खुला बन्दी शिविर सहित कुल 145 कारागृह संचालित किये जा रहे हैं. प्रदेश के 105 कारागृहों की क्षमता 21 हजार 525 एवं 40 बन्दी खुला शिविर की क्षमता 1432 है. वर्तमान में इन कारागृहों में कुल 20 हजार 248 कैदी बन्द हैं. कारागार सुरक्षा के लिए 489 जेल मुख्य प्रहरी एवं 2 हजार 387 जेल प्रहरी कार्यरत हैं. कारागारों की वाह्य सुरक्षा के लिए आरएसी के 781 जवान तैनात हैं.

उन्होंने बताया कि राजस्थान एकमात्र राज्य है जहां कोरोना महामारी के दौरान समस्त कारागारों में बंद कैदियों की मुलाकात वीडियो काॅलिंग से करवाई जा रही है. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने कारागारों के रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरने की कार्यवाही हेतु आवश्यक निर्देश दिए. बता दें कि प्रदेश की सभी जेल शत प्रतिशत आनलाइन हैं. साथ ही राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जहां वर्ष 2005 के बाद समस्त कैदियों का रिकार्ड आनलाइन उपलब्ध है.

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