जयपुर मेयर धाभाई ने सौम्या गुर्जर के समय रुकी फाइलों पर काम किया तेज
- नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या को आयुक्त से टकराव व हाथ पाई के बाद सरकार ने निलंबित कर दिया. इसके बाद शील धाभाई के कार्यवाहक महापौर बनते ही सभी फाइलें तेजी से आगे बढ़ा रही हैं जिन्हें सौम्या गुर्जर के समय रोका गया था.
जयपुर: ग्रेटर नगर निगम इस समय राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है. निगम में राज्य सरकार का भी पूरा दखल है और यह सौम्या गुर्जर के निलंबन के बाद अधिक बढ़ गया है. राज्य सरकार का निगम में किस कदर दखल है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले तो राज्य सरकार ने निगम आयुक्त से दुर्व्यवहार के मामले में सौम्या गुर्जर को महापौर निलंबित कर दिए.
इसके बाद शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बना दिया और सौम्या के समय जिन फाइलों को आयुक्त ने रोक रखा था उन्हें तुरंत प्रभाव से हरी झंडी दे दी. इनमें लैपटॉप खरीद, हाजिरीगाह बनाने से लेकर जॉब बेसिस पर कर्मचारियों की नियुक्ति करना शामिल करना है. इनमें से कई प्रस्ताव तो जनवरी में हुई साधारण सभा में हुए थे लेकिन इनकी फाइलें आगे नहीं बढ़ सकी थी पर अब शील धाभाई के महापौर बनते ही आयुक्त फाइलों को आगे बढ़ा दिया है.
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140 पार्षद ले गए फर्नीचर, अब होगी जांच
सौम्या गुर्जर के कार्यकाल के दौरान सभी 150 वार्ड पार्षद कार्यालयों के लिए फर्नीचर की खरीद की गई. इसके बाद 140 पार्षद फर्नीचर ले गए लेकिन अब इसके बाद फर्नीचर की क्वालिटी की जांच के आदेश दिए है. निगम में फर्नीचर पर 20 लाख रुपए खर्च किए गए है.
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