किराया नहीं देने वाले डेयरी बूथों पर जयपुर नगर निगम सख्त, सीज करने की तैयारी
- जयपुर नगर निगम ने अब किराया नहीं चुकाने वाले डेयरी बूथों पर सख़्ती दिखाई है. जिन डेयरी बूथों का अब तक किराया नहीं आया है, उनको सीज करने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है.

कोरोना काल में ठप्प पड़े राजस्व को एकत्रित करने के लिए नगर निगम प्रशासन हर तरीके से राजस्व वसूली के लिए सक्रिय होता हुआ नजर आ रहा है. जयपुर ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम में यूडी टैक्स से लेकर अन्य शुल्क वसूलने को नगर निगन लगातार सख्ती से पेश आ रहा है. अब नगर निगम प्रशासन की राजस्व शाखा ने विभिन्न कंपनियों के डेयरी बूथ संचालकों पर कार्रवाई करने की रणनीति तैयार की है.
गौरतलब है कि नगर निगम ने डेयरी बूथ संचालकों के भुगतान के लिए एक वेबसाइट और ऑफलाइन माध्यम से भुगतान करने के लिए खाका तैयार किया. इसके बावजूद संचालक भुगतान करने में अनदेखी कर रहे हैं. इस वेबसाइट पर शहर में संचालित समस्त डेयरी बूथों एवं उन पर बकाया किराए की जानकारी उपलब्ध है. इसे ऑनलाइन करने का मुख्य उद्देश्य था कि इस पूरी प्रक्रिया को डिजिटल करने से डेयरी बूथ संचालक बिना कोई चक्कर लगाए घर बैठे अपना किराया चुका सकेंगे.
इसके बावजूद बीते पांच माह से जयपुर शहर और ग्रामीण के डेयरी संचालक निगम को मामूली भुगतान भी नहीं कर पा रहे हैं, जिससे निगम को राजस्व की हानि हो रही है.
साढ़े 3 हजार डेयरी बूथों पर लटकी तलवार
जयपुर शहर में ग्रेटर एवं हैरिटेज नगर निगम से संबंधित लगभग साढ़े 4 हजार डेयरी बूथ संचालित है. नगर निगम द्वारा इन डेयरी बूथों से एक हजार रुपए हर माह किराया वसलू करता है. शहर में संचालित 1 हजार बूथ संचालकों ने ही वर्तमान तक का किराया जमा करवाया है. करीब साढ़े 3 हजार बूथ संचालकों ने पिछले पांच माह का किराया जमा नहीं करवाया है, जिन पर तलवार लटकी हुई है.
नगर निगम के उपायुक्त राजस्व प्रथम नवीन भारद्वाज ने बताया कि आगामी दिनों में भुगतान नहीं करने वाले डेयरी बूथ संचालकों को सीज किया जाएगा. इसके लिए पूरी लिस्ट तैयार कर ली गई है.
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