जयपुर: सैटेलाइट इमेज और ड्रोन लगाएगा अवैध खनन पर रोक

Smart News Team, Last updated: Wed, 23rd Sep 2020, 9:33 AM IST
  • जयपुर. अवैध खनन रोकने के लिए बनाया जाएगा विजिलेंस सेल सेटेलाइट इमेज और ड्रोन की मदद से अवैध खनन पर लगेगा रोक.
प्रतीकात्मक तस्वीर 

जयपुर। अवैध खनन पर रोक लगाए जाने को लेकर सरकार में नया फंडा ढूंढ निकाला है. सरकार ने अवैध खनन पर रोक लगाए जाने को लेकर सुझाव टीम गठित की थी,जिसके सुझाव पर सरकार ने अवैध खनन पर रोक लगाए जाने को लेकर विजिलेंस टीम गठित कर दी है. यह विजिलेंस टीम अवैध खनन पर रोक लगाएं जाने के हर नए तौर-तरीकों पर नजर बनाए रखेगी.

साथ ही ड्रोन कैमरे की मदद से अवैध खनन पर अंकुश लगाया जाएगा. इसके अलावा सैटेलाइट इमेज से भी अवैध खनन पर रोक लगाए जाने की तैयारी की जा रही है. सरकार नई तकनीक द्वारा अवैध खनन पर रोक लगाए जाने को लेकर नए-नए प्रयोग कर रही है. यह प्रयोग सफल होता है तो अन्य प्रदेशों में भी इसे लागू किए जाने की संभावना बन रही है.

बता दें कि अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और खनन विभाग मिलकर संयुक्त कार्रवाई करेंगे. मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने खान और भूविज्ञान विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और खान विभाग मिलकर संयुक्त कार्रवाई करेंगे.

वहीं विभाग के विजिलेंस सेल का पुनर्गठन कर सेटेलाइट इमेजरी और ड्रोन आदि का उपयोग किया जाएगा. राजसमंद में पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में अत्याधुनिक उपकरणों के उपयोग के अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं. अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.

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सुबोध अग्रवाल ने बताया कि खान विभाग की राजस्व आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की है. राज्य की एमसेंड नीति जल्दी ही लागू होगी. वहीं, राज्य सरकार द्वार गठित कमेटी द्वारा नई खनिज नीति के प्रारुप को अंतिम रुप दिया जा रहा है.

अवैध खनन के 3033 मामले दर्ज किए गए

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अवैध खनन के 3033 प्रकरण दर्ज कर 219 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं जिसमें 21 करोड़ से अधिक की पेनल्टी वसूल की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि बजरी खनन पर सर्वोच्च न्यायालय की रोक के संदर्भ में जल्दी ही सीईसी के समक्ष प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखा जाएगा.

इससे अवैध बजरी खनन का स्थाई समाधान हो सके. उन्होंने बताया कि खनिज बजरी के अच्छे विकल्प के रुप में एम-सेंड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लाई जा रही है. आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में बजरी के विकल्प के रुप में एमसेंड का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है.

माइन्स विभाग के 110 ठेकों की ई नीलामी होगी

एसीएस माइन्स ने बताया कि विभाग ने राजस्व बढ़ोतरी के लिए 110 ठेकों की ई नीलामी की प्रक्रिया शुरु कर दी है. प्रधान खनिज के जैसलमेर के दो व झुंझुनूं और नागौर के कुल चार ब्लॉकों की ई ऑक्शन की प्रक्रिया शुरु होने में है.

 

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