शहीद शमशेर की अंतिम यात्रा में रो पड़ा जयपुर, सैन्य अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि
- अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए जयपुर के लाल सूबेदार शमशेर सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा उनके गाँव. शहीद के परिवार में 17 लोग सेना में भर्ती होकर कर रहे देश की सेवा.
जयपुर. अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए जयपुर के लाल सूबेदार शमशेर सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा. जहाँ सेना के अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित किया. श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद शव को उनके गांव झूंझुनू के हुकमपुरा के लिए रवाना कर दिया गया. उल्लेखनीय है कि शमशेर अली 24 ग्रेनेडियर यूनिट में तैनात थे. वे लगभग 18 हजार फीट ऊंचाई पर पेट्रोलिंग कर रहे थे.
शहीद शमशेर का परिवार की पिछले चार पीढ़ियों से सेना में भर्ती हो कर देश की सेवा कर रहा है. शहीद के पिता रिटायर्ड नायब सूबेदार सलीम अली ने अपने पुत्र की शहादत पर कहा कि गांव के ये पहले शहीद हैं. शहीद के परदादा बागी खां, दादा फैज मोहम्मद, पिता सलीम अली तीनों सेना में थे. परदादा बागी खां से आगे उनके परिवार के अब तक कुल 17 लोग सेना में हैं.
शहीद सूबेदार शमशेर अली अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के बाद 20 फरवरी को एक महीने की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे. दो दिन बाद ही फोन आया था कि वो 15 दिन बाद घर आने वाले हैं, लेकिन उनकी शहादत की खबर आई. जिसे सुनकर उनका परिवार बेसुध हो गया.
शहीद तीनों भाइयों में सबसे बड़े थे. उनकी शिक्षा गांव में ही हुई. उनका एक भाई जंगशेर अली भी सेना में है. वहीं, तीसरा भाई बिजनेस करता है. शहीद के दो बेटे और एक बेटी है. गांव के सरपंच रामअवतार धीवा ने बताया कि शमशेर जब भी गांव आते थे युवाओं में सेना में शामिल होने का जज्बा जगाते थे.
शमशेर देश के लिए शहीद हो गए. उनके सहादत के बाद माहौल इतना गमगीन था, मानो उनके गाँव सहित पूरा जयपुर रो रहा हो. सभी ने नम आंखों से उनकी अंतिम विदाई दी.
अन्य खबरें
राजस्थान में पंचायत चुनाव की तैयारी , राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश
जयपुर: सरकारी थर्मल पावर प्लांटों में अब बिना धुले ही होगा कोयला का उपयोग
जयपुर: बेरोजगारों संग खड़ी हुई गहलोत सरकार नौकरियों में स्थानीय को प्राथमिकता
जयपुर: मौत को हराकर 4 दिन बाद कुएं से जिंदा निकला युवक