मोदी सरकार में सिंधिया बने मंत्री तो पायलट बढ़ाएंगे गहलोत और कांग्रेस पर प्रेशर!

Smart News Team, Last updated: Tue, 6th Jul 2021, 6:49 PM IST
  • नरेंद्र मोदी कैबिनेट विस्तार में मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना तय दिख रहा है. ये बीजेपी में शामिल होते-होते रुक गए सचिन पायलट के लिए एक कारगर हथियार हो सकता है जिसे कांग्रेस नेतृत्व को दिखाकर वो अशोक गहलोत से तकरार में अपना पलड़ा भारी कर सकेंगे.
ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी को सरकार के मंत्रिमंडल में मिलेगी जगह!

जयपुर. नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार 8 जुलाई को होने की अटकलें हैं. मोदी मंत्रिमंडल में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लगभग तय माना जा रहा है. सिंधिया मंगलवार सुबह उज्जैन में महाकाल का दर्शन करके दिल्ली के लिए रवाना हो गए है. सिंधिया को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलती है तो राजनीति में उनके बैचमेट और पारिवारिक मित्र सचिन पायलट भी राजस्थान में लंबे समय से सीएम अशोक गहलोत से खींचतान में अपना दबाव बढ़ा सकते हैं. अगर प्रियंका गांधी की बात अनसुनी करके पायलट भी बगावत के बाद सिंधिया के रास्ते पर निकल गए होते तो एमपी में कमलनाथ की तरह राजस्थान की गहलोत सरकार भी गिर गई होती और पायलट अगर राज्य में कुछ बड़ा नहीं होते तो केंद्र में मंत्री बन रहे होते.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया कांग्रेस पार्टी के बहुत बड़े नेता रहे हैं. लोकप्रियता के चरम पर एक हवाई दुर्घटना में उनका निधन हो गया था. सचिन के पिता राजेश पायलट भी बहुत लोकप्रिय नेता थे और देश ने एक सड़क दुर्घटना में उन्हें खो दिया था. ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले सिंधिया के परिवार के बाकी लोग भाजपा के ही साथ रहे हैं. उनके कांग्रेस से बीजेपी में आने से मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई और फिर से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने.

ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी कैबिनेट में जगह मिलती हैं तो माना जा रहा है कि राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी कांग्रेस नेतृत्व पर खुद के लिए और अपने समर्थकों के लिए दबाव बढ़ा सकते हैं. उनके पास दिखाने को होगा कि बीजेपी में सिंधिया को पुरस्कृत किया जा रहा है जबकि उनकी मेहनत से बनी कांग्रेस सरकार में उन्हें और उनके लोगों को उपेक्षित और अपमानित किया जा रहा है.

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बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया के हाथ से राजस्थान की कमान छीनकर कांग्रेस सरकार बनाने में सचिन पायलट का बड़ा हाथ रहा है. सचिन पायलट ने बतौर प्रदेश अध्यक्ष पूरे राजस्थान में पार्टी को मजबूत किया और माना जाता है कि वो मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने अशोक गहलोत को दोबारा सीएम बनाकर पायलट को उप-मुख्यमंत्री बनाया. बाद में उन्होंने डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़कर दबाव बनाया लेकिन मान-मनौव्वल के बाद वो बीजेपी में जाते-जाते तो रह गए लेकिन जो पद और पावर था वो वापस नहीं मिल पाया.

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