सोशल मीडिया पर लड़की बनकर महिला से दोस्ती, झांसा देकर 2.5 करोड़ ठगे

Smart News Team, Last updated: Mon, 21st Jun 2021, 12:53 PM IST
  • एसओजी ने 2.50 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने पीडि़ता को 3.9 मिलियन संपत्ति का वारिस बनाने का झांसा देकर रकम ठग ली. आरोपी ने महिला से ठगी की रकम विभिन्न 55 बैंक खातों में डलवाई थी. पीडि़त महिला एक इनकम टैक्स अधिकारी कर की पत्नी है.
महिला बन महिला से दोस्ती, फिर 2.5 करोड़ ठगे (प्रतीकात्मक तस्वीर}

जयपुर: स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने 2.50 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है. आरोपी मूलत: बिहार हाल उत्तराखंड निवासी नीरज सूरी है. एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि आरोपी ने महिला बनकर पीडि़त महिला से फेसबुक पर दोस्ती की और फिर उसे 3.9 मिलियन संपत्ति का वारिस बनाने का झांसा देकर रकम ठग ली. सबसे पहले आरोपी ने महिला बनकर पीडि़ता से फेसबुक पर दोस्ती की. इसके बाद दोनों के बीच फेसबुक पर अच्छी बातचीत होने लगी तो उसने पीडि़ता को बताया कि  उसके पति की मौत हो चुकी है और वह खुद भी कैंसर पीडि़त है. 

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आरोपी ने झांसा दिया कि उसके पास 3.9 मिलियन डॉलर संपति है, जिसे वह पीडि़त के नाम करना चाहता है. आरोपी ने कहा कि सम्पति पीडि़ता के नाम करने के लिए वकील बारमेक्स व भारतीय प्रतिनिधि बैन जॉनसन आगे की प्रक्रिया के लिए संपर्क करेंगे. इसके बाद पीडि़ता के पास फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट की तरफ से ई-मेल आया और बैन जॉनसन ने संपर्क करके इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड के नाम से लगने वाला चार्जेंज व अन्य ऑपचारिकताओं के नाम पर और हवाला के जरिए प्राप्त होने वाले डॉलर के बारे में बताया. इसके बाद आरोपी ने विभिन्न 55 बैंक खातों में 2.50 करोड़ रुपए ठग लिए.

ठगी होने के बाद पीडि़त महिला गुंजन शर्मा ने 2016 में सवाईमाधोपुर स्थित कोतवाली थाने में इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाई. मामले की गंभीरता को देखते हुए एक साल बाद 2017 में जांच एसओजी को दी गई. पीडि़त महिला एक इनकम टैक्स अधिकारी कर की पत्नी है.

देश के कई शहरों में खोल रखे थे कार्यालय

एसओजी की जांच में पता चला कि आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्म खोल रखी थी. फर्म के नाम से ठगी के लिए बैंक खाते भी खुलवा रखे थे. आरोपी ने सीए का फर्जी कार्ड बना रखा था और दिल्ली, मसूरी और देहरादून में कार्यालय भी खोल रखे थे. कार्यालय के जरिए लोगों को लोन दिलवाने, जीएसटी, आईटीआर, पेनकार्ड, आधार कार्ड जरिए फर्जी बैंक खाते खोलने के लिए दस्तावेज तैयार कर लेता था. साइबर ठगी करने वाली नाजीरियन गैंग को भी आरोपी ये फर्जी दस्तावेज उपलब्ध करवाता था.

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