गहलोत सरकार के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का निधन, राजस्थान में कल राजकीय शोक

Smart News Team, Last updated: Mon, 16th Nov 2020, 8:53 PM IST
  • 72 वर्ष के मेघवाल ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली. मेघवाल लंबे समय से वेंटिलेटर पर थे. उन्हें ब्रेन हेमरेज के बाद जयपुर से गुरुग्राम शिफ्ट किया गया था. प्रदेश में 17 नवंबर को एक दिन का राजकीय शोक रहेगा.
मास्टर भंवरलाल मेघवाल की फाइल फोटो

जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री और सुजानगढ़ से विधायक मास्टर भंवरलाल मेघवाल का सोमवार को निधन हो गया. वे 72 वर्ष के थे. मेघवाल ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली. मेघवाल लंबे समय से वेंटिलेटर पर थे. उन्हें ब्रेन हेमरेज के बाद जयपुर से गुरुग्राम शिफ्ट किया गया था. उनके निधन पर प्रदेश में 17 नवंबर को एक दिन का राजकीय शोक रहेगा और सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. सभी सरकारी दफ्तरों में 17 नवंबर को अवकाश रहेगा. मेघवाल के निधन के चलते कांग्रेस की मंगलवार को होने वाली कार्यशाला स्थगित कर दी गई है. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेघवाल के निधन पर दुख जताया है. गहलोत ने ट्वीट किया कि लंबी बीमारी के बाद मंत्री भंवरलाल मेघवाल जी के निधन पर गहरा दुख हुआ है. हम 1980 से एक साथ थे. इस कठिन समय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. ईश्वर उन्हें शक्ति दे. भंवरलाल मेघवाल का जन्म चूरू जिले के सुजानगढ़ के गांव बाघसर पूर्वी में चुनाराम मेघवाल के घर 2 जुलाई 1948 को हुआ. भंवरलाल मेघवाल पहले सरकारी शिक्षक थे. सुजानगढ़ के राजकीय झवर स्कूल में बतौर पीटीआई कार्यरत रहे. शिक्षक होने के कारण ही इन्हें मास्टर भंवरलाल कहा जाता है. उन्होंने गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान शिक्षा मंत्री का पद भी संभाला था. 

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भंवरलाल मेघवाल की प्रदेश में दलित नेता के तौर पर पहचान थी. वे सुजानगढ़ विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं. 1977 में शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देकर इन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन पहली बार में हार का सामना करना पड़ा. 1980 के चुनाव में बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. बता दें कि कुछ दिन पहले भंवरलाल मेघवाल की पुत्री बनारसी मेघवाल का भी निधन हो गया था.

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