आरटीआई के तहत मांगी सूचना नहीं देने पर नगर परिषद् आयुक्त पर 30 हजार का जुर्माना

Smart News Team, Last updated: Tue, 6th Apr 2021, 5:37 PM IST
  • राज्य सूचना आयोग ने बारां नगर परिषद आयुक्त पर तीन अलग-अलग मामलो में दस-दस हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है.
राज्य सूचना आयोग (फाइल तस्वीर)

जयपुर: राज्य सूचना आयोग के बार-बार तकाजा करने के बाद भी बारां नगर परिषद ने जरूतमंद नागरिको को सूचना मुहैया कराने में कोई रूचि नहीं ली. इस पर आयोग ने गहरी नाराजगी जाहिर की और नगर परिषद आयुक्त पर तीन अलग-अलग मामलो में दस दस हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है. आयोग ने अजमेर जिले में सावर के सहायक खनिज अभियंता पर भी सूचना देने में कोताही बरतने पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना राशि अधिकारियो के वेतन से वसूलने का आदेश दिया गया है.

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बारां में एक स्थानीय व्यक्ति हिमांशु ने नगर परिषद के कुछ दस्तावेजत के अवलोकन के लिए गुहार की थी. हिमांशु ने 15 जुलाई 2019 को सूचना अधिकार कानून के तहत अर्जी दाखिल कर परिषद से कुछ कागजात को देखने के लिए आवेदन किया था. लेकिन परिषद ने इसे अनदेखा किया. हिमांशु ने इसके विरुद्ध आयोग का दरवाजा खटखटाया और मदद मांगी. आयोग ने परिषद आयुक्त को तीन बार नोटीस भेज कर स्प्ष्टीकरण मांगा. लेकिन अधिकारी ने इसे कोई महत्व नहीं दिया. इस पर सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने परिषद आयुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है.

बारां के ही प्रशांत मित्तल ने नगर परिषद से दो अलग अलग मामलो में सूचना मांगी. लेकिन परिषद ने उनके आवेदन को महत्व नहीं दिया. आयोग ने परिषद आयुक्त को तीन बार अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया. मगर न तो वे हाजिर हुए और न ही कोई जवाब दिया. सूचना आयुक्त बारेठ ने इस पर नाराजगी जाहिर की और कहा अधिकारी का यह रवैया कानून के प्रति गैर जिम्मेदाराना है. बारेठ ने इन दोनों मामलो में सुनवाई के बाद परिषद आयुक्त पर दस दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. इन में से दो मामलो में आयोग ने परिषद आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे आवेदकों को संबधित दस्तावेजात के अवलोकन का मौका दे. परिषद को इसकी पालना के लिए पंद्रह दिन का समय दिया गया है.

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एक अन्य मामले में सहायक खनिज अभियंता पर पर 10 हजार का जुर्माना

आयोग ने एक अन्य मामले में अजमेर में सावर के सहायक खनिज अभियंता पर दस हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है. आयोग के सम्मुख सीताराम गुप्ता ने अपील दाखिल कर शिकायत की थी कि वे 5 मार्च, 2018 से खनन आवंटन से जुड़े कुछ मामलो में सूचना के लिए गुहार कर रहे है. लेकिन अभियंता ने उनकी अर्जी को कोई तवज्जो नहीं दी. आयोग ने अभियंता को कई बार सुनवाई के लिए तलब किया और अपना पक्ष रखने को कहा. लेकिन अभियंता ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने दस हजार रुपए का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है. आयोग ने खनन विभाग से कहा है कि वो गुप्ता को संबधीत पत्रावली का अवलोकन का अवसर दे और 50 पृष्ठो तक की सूचना मुफ्त में प्रदान करे.

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