राष्ट्रीय लोक अदालत : राजस्थान में एक दिन में 49 हजार 898 मामले निपटाए
- मामलों की सुनवाई के लिए अधीनस्थ न्यायालयों की कुल 640 बेंचों का गठन किया गया. इनके द्वारा ऑनलाइन व ऑफलाइन सुनवाई की गई. लोक अदालत एक ऐसी अदालत है, जहां पर विवादों या लंबित मामलों या मुकदमेबाजी से पहले की स्थिति से जुड़े मामलों का समाधान दोनों पक्षों के बीच समझौते के माध्यम से किया जाता है.

जयपुर. राजस्थान में शनिवार को आयोजित लोक अदालत इस बार ऐतिहासिक रही है. आम जनता को शीघ्र व सुलभ न्याय दिलाने के लिए आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर जनता में भारी उत्साह देखा गया. इनमें 49 हजार 898 प्रकरणों का राज्य भर में निस्तारण हुआ. साथ ही 339 करोड़ से अधिक के अवार्ड पारित किए गए.
बता दें कि राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश संगीत लोढ़ा एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं प्रदेश के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्ष व सचिव तथा अधीनस्थ न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों के सहयोग से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. प्राधिकरण के सदस्य सचिव ब्रजेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि प्रकरणों की सुनवाई के लिए अधीनस्थ न्यायालयों की कुल 640 बेंचों का गठन किया गया. इन बेंचो द्वारा प्रकरणों की ऑनलाइन व ऑफलाइन सुनवाई की गई. बेंचों में 78 हजार 47 प्रकरण प्री-लिटिगेशन के और 1 लाख 38 हजार 931 प्रकरण न्यायालय में लम्बित सुनवाई के रखे गए थे. इनमें प्रि-लिटिगेशन के 10 हजार 394 प्रकरणों एवं न्यायालयों में लंबित 39 हजार 504 प्रकरणों को निपटाया गया.
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समय-समय पर लगने वाली लोक अदालत एक ऐसी अदालत या मंच है जहां पर न्यायालयों में विवादों या लंबित मामलों या मुकदमेबाजी से पहले की स्थिति से जुड़े मामलों का समाधान समझौते से और सौहार्दपूर्ण तरीके से किया जाता है. इसमें दोनों पक्ष के बीच उत्पन्न हुए विवाद को बातचीत या मध्यस्थता के माध्यम से उनके आपसी समझौते के आधार पर निपटाया जाता है.
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