नो स्कूल-नो फीस : कोर्ट ने सरकारी दावों को लिखित में पेश करने को कहा
- राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने इस संबंध में राजस्थान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी लिखित में उपलब्ध कराने को कहा है. माना जा रहा है कि खंडपीठ मामले का निस्तारण शीतकालीन अवकाश से पहले कर सकती है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में एकलपीठ के समक्ष लंबित प्रकरण को खंडपीठ में मंगवाया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने इस संबंध में राजस्थान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी लिखित में उपलब्ध कराने को कहा है. माना जा रहा है कि खंडपीठ मामले का निस्तारण शीतकालीन अवकाश से पहले कर सकती है.
बता दें कि स्कूल फीस को लेकर राज्य सरकार व अन्य की अपील पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सिलेबस के हिसाब से फीस लेने की छूट दी गई है. सीबीएसई स्कूल 60 फीसदी और आरबीएसई से जुड़े स्कूल 70 फीसदी फीस ले सकते हैं. कमेटी ने कहा था कि स्कूल खुलने के बाद कक्षा 9 से 12 तक जो बोर्ड जितना फीसदी सिलेबस कम करेगा, उतनी फीसदी ट्यूशन फीस कम की जाएगी. इसकी गणना पिछले साल ली गई फीस के आधार पर की जाएगी.
राजस्थान पंचायत चुनाव : 13 जिलों में खिला 'कमल', पांच जिलों ने थामा 'हाथ'
अंतिम सुनवाई 15 दिसंबर से करना तय किया गया है. इधर, नो स्कूल-नो फीस को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहा अभिभावकों का धरना बदस्तूर जारी है. लगातार बड़ी संख्या में अभिभावक इस धरने में जुड़ रहे हैं.
अन्य खबरें
जयपुर बाईपास पुलिया पर पलटा एसिड टैंकर, सड़क पर हजारों लीटर तेजाब फैला
जयपुर में मास्क नहीं लगाने वालों की खैर नहीं, चार घंटे में 831 लोगों के चालान
जयपुर क्राइम कंट्रोल : अपराधियों के पीछे दौड़ेगी पुलिस की 60 चेतक एक्सप्रेस
जयपुर में बड़े भाई ने शराब पीने से मना किया तो छोटे भाई ने मार डाला