नो स्कूल-नो फीस : कोर्ट ने सरकारी दावों को लिखित में पेश करने को कहा

Smart News Team, Last updated: Wed, 9th Dec 2020, 11:50 AM IST
  • राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने इस संबंध में राजस्थान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी लिखित में उपलब्ध कराने को कहा है. माना जा रहा है कि खंडपीठ मामले का निस्तारण शीतकालीन अवकाश से पहले कर सकती है.
प्रतीकात्मक फोटो

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में एकलपीठ के समक्ष लंबित प्रकरण को खंडपीठ में मंगवाया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने इस संबंध में राजस्थान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी लिखित में उपलब्ध कराने को कहा है. माना जा रहा है कि खंडपीठ मामले का निस्तारण शीतकालीन अवकाश से पहले कर सकती है. 

बता दें कि स्कूल फीस को लेकर राज्य सरकार व अन्य की अपील पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सिलेबस के हिसाब से फीस लेने की छूट दी गई है. सीबीएसई स्कूल 60 फीसदी और आरबीएसई से जुड़े स्कूल 70 फीसदी फीस ले सकते हैं. कमेटी ने कहा था कि स्कूल खुलने के बाद कक्षा 9 से 12 तक जो बोर्ड जितना फीसदी सिलेबस कम करेगा, उतनी फीसदी ट्यूशन फीस कम की जाएगी. इसकी गणना पिछले साल ली गई फीस के आधार पर की जाएगी. 

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अंतिम सुनवाई 15 दिसंबर से करना तय किया गया है. इधर, नो स्कूल-नो फीस को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहा अभिभावकों का धरना बदस्तूर जारी है. लगातार बड़ी संख्या में अभिभावक इस धरने में जुड़ रहे हैं.

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