निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर मामले में 22 जून को सुनवाई के लिए नोटिस

Smart News Team, Last updated: Fri, 18th Jun 2021, 11:58 AM IST
  • जिला न्यायाधीश स्तर की अधिकारी भार्गव को नगर पालिका अधिनियत के तहत न्यायिक जांच सौपी गई है. सौम्या गुर्जर व अन्य पार्षदों पर नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव से धक्का-मुक्की करने का आरोप है. इस मामले में सरकार ने मेयर सौम्या व तीन पार्षदों को निलंबित किया गया था.
निलंबित महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर (फाइल तस्वीर)

जयपुर: ग्रेटर नगर निगम क निलंबित मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर से संबंधित मामले की न्यायिक जांच के तहत विवि विभाग की विशिष्ट सचिव मुदिता भार्गव ने 22 जून को सुनवाई रखी है. इसके लिए संबंधित पक्षों को नाटिस जारी किए है.

जिला न्यायाधीश स्तर की अधिकारी भार्गव को नगर पालिका अधिनियत के तहत न्यायिक जांच सौपी गई है. सौम्या गुर्जर व अन्य पार्षदों पर नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव से धक्का-मुक्की करने का आरोप है. इस मामले में सरकार ने मेयर सौम्या व तीन पार्षदों को निलंबित किया गया था. इसके बाद सौम्या गुर्जर ने सरकार द्वारा मेयर पद से निलंबित किए जाने के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. 

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इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी जिस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इससे जिला न्यायाधीश स्तर की अधिकारी भार्गव को पहले भी सरकार ने तत्कालीन मेयर धर्मेंद्र गहलोत के निगत आयुक्त से विवाद के मामले की जांच उन्हें ही सौंपी गई थी. गौरतलब है कि नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान है कि जनप्रतिनिधियों को न्यायिक जांच बिना पद से नहीं हटाया जा सकता.

 

पुलिस ने आरोप साबित मानते हुए पेश कर चुकी है चालान

निलंबित मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर सहित चार पार्षदों के द्वार आयुक्त से धक्का-मुक्की और राजकार्य में बाधा के दर्ज मामले में पुलिस ने जांच पूरी कर चालान पेश कर दिया है. पुलिस सौम्या गुर्जर के अलावा निलंबित पार्षद अजय चौहान, पारास जैन, शंकर शर्मा और पार्षद रामकिशोर प्रजापत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 341, 353 और 332 आईपीसी में आरोप साबित माने है, जिसमें 7 साल तक की सजा के प्रावधान है. मामले की जांच के बाद थाना पुलिस ने जयपुर महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट में चालान पेश कर दिया. पुलिस की ओर पेश किए गए चालान में तत्कालीन महापौर सौम्या गुर्जर सहित चार पार्षदों पर मारपीट और राजकार्य में बाधा के आरोपो को सही माना है. पुलिस ने चालान में कार्यालय स्टाफ के बयान सहित अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए है. 

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