जयपुर: राजस्थान की सियासत में गहलोत और पायलट के बीच की केमिस्ट्री अब भी एक पहेली
- कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की खींचतान खत्म होने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन क्या हकीकत में दोनों के दिल मिलेंगे. उनकी केमिस्ट्री लोगों के लिए पहेली बनी हुई है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा का शुक्रवार से शुरू हो रहे सत्र से पहले गुरुवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में एक महीने तक नाराज रहे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पहुंचे और सीएम अशोक गहलोत की बगल में बैठे. कांग्रेस विधायकों की ऐसी ही एक मीटिंग में नहीं आने के बाद पायलट को 14 जुलाई को डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. सीएम आवास पर आयोजित मीटिंग में पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे.
गहलोत और पायलट के एक साथ दिखने से राजस्थान में गहलोत सरकार पर मंडरा रहा संकट तो टल गया है क्योंकि पायलट समेत सभी 19 विधायक अब सरकार के साथ रहेंगे. गहलोत सरकार पर पायलट की बगावत से पैदा हुए संकट के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही है.
जयपुर: एक महीने बाद पायलट कांग्रेस विधायक दल मीटिंग में, CM गहलोत संग बैठे
गहलोत गुट के विधायक अब खुश हैं. जयपुर के होटल से लेकर जैसलमेर के रिजॉर्ट तक पार्टी के विधायकों को चिंता सता रही थी कि सरकार बचेगी या गिरेगी. सरकार को कोई खतरा अब नहीं है. पायलट की वापसी से विधायकों के चेहरे पर रौनक नजर आ रही है. जयपुर लौटने से पहले गहलोत गुट के विधायक जैसलमेर में घूमते नजर आए.
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी बीजेपी
जैसलमेर में कांग्रेस विधायकों की बैठक में पायलट को लेकर नाराजगी भी सामने आई. सरकार में पायलट को दोबारा शामिल करने को लेकर नाराज विधायकों की बात पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने आलाकमान तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.
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