राजस्थान में तेजी से घट रही ऊंटों की संख्या, संरक्षण के लिए सरकार खोल सकती है ऊंटशाला

Ankul Kaushik, Last updated: Fri, 17th Sep 2021, 6:16 PM IST
  • राजस्थान में ऊंटो के संरक्षण के लिए गहलोत सरकार गौशाला की तर्ज पर ऊंट शाला खोले जाने पर विचार कर रही है. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में ऊंटों संख्या में काफी कमी हो रही है. राजस्थान के पशुपालन मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि हम प्रदेश में ऊंट शाला खोलने पर चर्चा करेंगे.
राजस्थान की गहलोत सरकार ऊंटों के संरक्षण के लिए खोल सकती है ऊंटशाला (फाइल फोटो)

जयुपर. राजस्थान में गायों के संरक्षण के लिए बनी गौशाला की तर्ज पर ऊंटों के संरक्षण के लिए ऊंट शाला खोलने पर विचार कर रही हैं. राजस्थान की गहलोत सरकार जल्द ही इस फैसले पर मुहर भी लगा सकती है. प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने प्रदेश में हो रही ऊंटों की संख्या की कमी को लेकर राजस्थान विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था. बीजेपी विधायक ने कहा था कि विश्वभर में रेगिस्तानी जहाज के नाम से प्रसिद्ध और राज्य पशु ऊंट की संख्या राजस्थान में निरंतर घट रही है जो चिंता का विषय है. इस मुद्दे पर राजस्थान के पशुपालन मंत्री लाल चंद कटारिया ने इस मुद्दे का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थान में ऊंट संरक्षण के लिए साल 2015 में एक कानून बना था. इस कानून पर हम संशोधन करने पर विचार कर रहे हैं.

इसके साथ ही लाल चंद कटारिया ने कहा कि ऊंटों की संख्या में गिरावट का मुख्य कारण गांव तक अच्छी परिवहन सुविधा न होना है. इसके साथ ही राजस्थान ऊंट अधिनियम 2015 के तहत ऊंटों को बिना अनुमति के राज्य से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध है जिसके कारण भी ऊंटों की संख्या में कमी आ रही है. इसके साथ ही राजेंद्र सिंह राठौड़ के इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि मैं खुद एक किसान हूं और ऊंट मालिकों की समस्याओं को समझ सकता हूं.

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वहीं कटारिया ने कहा राजस्थान में ऊंटों की संख्या में तेजी से हो रही कमी को देखते हुए इसके प्रभावी संरक्षण के लिए राजस्थान सरकार गौशालाओं की तरह ऊंट शाला शुरू करने पर विचार कर रही है. क्योंकि राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार ऊंटों की संख्या में 34 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. साल 2015 में ऊंटों की संख्या 3.5 लाख थी और साल 2019 में यह घटकर 2.13 लाख ही रह गई. इसके साथ ही कटारिया ने कहा कि अगर ऊंट तस्करी और इसके संरक्षण को रोकने के प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले समय में ऊंट संग्रहालयों में ही देखने को मिलेंगे.

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