राम मंदिर निर्माण से गहलोत सरकार के खजाने पर लक्ष्मी की कृपा, 17 गुना दाम पर खदान नीलाम
- अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण में राजस्थान के प्रसिद्ध गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा. अशोक गहलोत सरकार ने भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर इलाके में इन पत्थरों के खनन ब्लॉक की नीलामी 17 गुना ज्यादा दाम में की है. इससे सरकार को 245 करोड़ रुपये की आय हुई है.

जयपुर: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से सप्लाई किए जाने वाले लाल बलुआ पत्थरों के खनन ब्लॉक की नीलामी से अशोक गहलोत सरकार मालामाल होने जा रही है. इन पत्थरों की आपूर्ति भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर क्षेत्र से की जाएगी. इस क्षेत्र में खनन ब्लॉक की नीलामी आरक्षित मूल्य से 17 गुना ज्यादा दाम में हुई है. इस ब्लॉक में मौजूद 38 खनन भूखंडों से राजस्थान सरकार को 245 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. इनमें से दो भूखंड ऐसे हैं जिनसे रिजर्व प्राइस से 42 गुना ज्यादा दाम मिला है. इसकी जानकारी राजस्थान के खान एवं पेट्रोलियम विभाग के मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने दी.
अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासों से संवेदनशील बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में नीलामी संभव हुई है. अब राम मंदिर निर्माण में काम आने वाले पत्थरों का कानूनी रूप से खनन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में इस क्षेत्र में लगभग 230 हेक्टेयर क्षेत्र में 39 खनन भूखंड विकसित किए गए हैं. भारत सरकार के ई-प्लेटफॉर्म पर 10 नवंबर से 3 दिसंबर तक दो चरणों में नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई. इनमें से 38 भूखंडों की रिजर्व प्राइस 7.93 करोड़ रुपये रखी गई थी, मगर इसके मुकाबले राज्य सरकार को नीलामी से 245.54 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा.
खनन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 120 हेक्टेयर खनन क्षेत्र को राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइन्स एंड मिनरल्स लिमिटेड के लिए आरक्षित किया गया है. वहीं, 230.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 39 खनन भूखंड विकसित कर ई-नीलामी की जा रही है. इस क्षेत्र में कानूनी तरीके से खनन शुरू होने से एक मोटे अनुमान के मुताबिक 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
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कागजों पर 2016 से इस क्षेत्र में कोई खनन नहीं हुआ है, लेकिन अवैध खनन जारी है और बंसी पहाड़पुर का गुलाबी बलुआ पत्थर ग्रे मार्केट में उपलब्ध है. इससे पहले, बंसी पहाड़पुर भरतपुर में बंद बरेठा वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा था, जहां कोई खनन नहीं हो सकता था. आपको बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जोरों पर चल रहा है. क्योंकि 2023 के अंत तक मंदिर को जनता के लिए खोलने का लक्ष्य है. हालांकि पूरा परिसर 2025 तक ही तैयार हो पाएगा.
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