किसान कर्जमाफी की तैयारी में गहलोत सरकार, कमर्शियल बैंकों से लिया 2,500 करोड़ का ऋण होगा माफ
- राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार राज्य के कर्जदार किसानों को जल्द बड़ी राहत दे सकती है. कहा जा रहा है कि कृषि बजट में कमर्शियल बैंकों के ऋणी किसानों को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्जमाफी का तोहफा दिया जा सकता है.
जयपुर. राजस्थान के किसानों को जल्द ही अशोक गहलोत सरकार बड़ी राहत दे सकती है. खबरों की मानें तो राजस्थान में पहली बार अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा जिसमें कमर्शियल बैंकों के ऋणी किसानों को कर्जमाफी का तोहफा दिया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो इससे राज्य के उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्होंने कमर्शियल बैंकों से कर्ज लिया और कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से उन्हें नोटिस मिला है या फिर मिलने की प्रक्रिया में है. कहा जा रहा है कि राज्य सरकार कृषि बजट में पूरे 2,500 करोड़ रुपये का प्रावधान करेगी.
बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आयोग में जानकारी देते हुए कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं, बिना कृषि के कोई भी देश विकास नहीं कर सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2022 से किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी लेकिन वो ऐसा कर पाने में सफल नहीं हो सके. हमने अलग से कृषि बजट पेश करने की तरफ कदम बढ़ाया है. इसके जरिए हम इस बात पर फोकस करेंगे कि कैसे किसानों की आय बढ़ाई जाए, फूड प्रोसेसिंग यूनिट कैसे बनाया जाए. वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसानों द्वारा कमर्शियल बैंकों से लिए गये कुल कर्ज की रिपोर्ट भी वित्त विभाग को सौंप दी गई है. यह कर्ज माफी 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की हो सकती है.
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गहलोत सरकार द्वारा कृषि बजट पेश करने और कमर्शियल बैंकों के ऋणी किसानों की कर्जमाफी को लेकर आई खबरों पर राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोधा ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो इससे सीधे तौर पर राज्य के 2-3 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा. उन्होंने आगे कहा कि इसका बजट तो बड़ा है लेकिन लेकिन सरकार की छवि से ज्यादा कीमती नहीं.
मालूम हो कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने अपनी पार्टी के मेनिफेस्टो में पिछले चुनावों में किसानों द्वारा सहकारी बैकों से लिए गए फसल ऋण पर उन्हें राहत देने के लिए 14,000 करोड़ की मदद की बात कही थी. अब राज्य में दिसंबर 2023 में राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे. गहलोत सरकार की कोशिश है 2023 के चुनाव से पहले यह वादा पूरा किया जाए ताकि वे अपनी सरकार की छवि किसान-फ्रेंडली बना सकें.
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