Corona को लेकर CM गहलोत का दावा, राजस्थान में 90 फीसदी लोगों में मिली एंटीबॉडी

Shubham Bajpai, Last updated: Fri, 14th Jan 2022, 6:40 AM IST
राजस्थान में कोरोना वायरस को लेकर राहत वाली खबर सामने आ रही है. सीएम अशोक गहलोत ने सीरो सर्वे को लेकर दावा किया है कि राज्य में 90 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है. इस दावे के बाद से लोग चैन की सांस लेंगे. क्योंकि यदि इस दावे पर भरोसा करें तो राजस्थान में कोरोना का खतरा काफी कम हो गया है.
Corona को लेकर CM गहलोत का दावा, राजस्थान में 90 फीसदी लोगों में मिली एंटीबॉडी (फाइल फोटो)

जयपुर (भाषा).  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सीरो सर्वे की रिपोर्ट का जिक्र किया गया. ये रिपोर्ट कोरोना के इस काल में राजस्थान के लि राहत देने वाली है. रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया कि राज्य में 90 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है. इससे साफ बै कि लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो चुकी है. हालांकि इस दौरान सीएम गहलोत ने लोगों से अधिक से अधिक वैक्सीन लगवाने की अपील की.

उन्होंने एक बयान में कहा कि मुझे यह बताते हुए संतोष है कि राजस्थान में सीरो सर्विलांस करवाया गया, जिसमें 90 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है.

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गहलोत के अनुसार, यह दर्शाता है कि राज्य में कोरोना संक्रमण का सामुदायिक प्रसार होकर 'हर्ड इम्युनिटी' विकसित हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि फिर भी टीकाकरण आवश्यक है.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड की स्थिति को लेकर बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्रियों के साथ ऑनलाइन चर्चा की. मुख्यमंत्री गहलोत भी इसमें शामिल हुए. हालांकि, अपनी बात रखने का मौका केवल आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ही मिला.

गहलोत ने बाद में कहा कि प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में अवसर नहीं मिलने के कारण वे कोरोना प्रबंधन को लेकर अपने सुझाव सोशल मीडिया के जरिए साझा कर रहे हैं. गहलोत के सुझावों में कोरोना बचाव की एहतियाती खुराक सभी आयु वर्ग के लिए उपलब्ध करवाने, एहतियाती खुराक के लिए अंतराल को नौ माह से घटाकर तीन से छह महीने करने का सुझाव भी शामिल है.

मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य में 130 करोड़ रूपये की लागत से ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रोपिकल मेडिसिन एंड वायरोलॉजी‘ की स्थापना का काम शुरू कर दिया गया है. इसमें 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी', पुणे एवं 'स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन', कोलकाता, दोनों की विशेषज्ञताओं एवं आधुनिकतम सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है, जिससे भविष्य में वायरसजनित बीमारियों के अध्ययन एवं चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी.

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