राजस्थान: जेल में सजा काट रहे पिता के हाथ से हो मां का अंतिम संस्कार, 16 घंटे धरने पर बैठी रही बेटी
- राजस्थान के धौलपुर में एक महिला ने दम तोड़ दिया जिसका पति जेल में बंद था. उसकी 16 साल की बेटी जेल पहुंच कर धरने पर बैठ गई. बेटी की इच्छा थी कि पिता ही उसकी मां का अंतिम संस्कार करे.
जयपुर: राजस्थान से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. इस घटना की कहानी सुनकर आपकी आंखें नम हो जाएगी. दरअसल, राजस्थान के धौलपुर में एक महिला ने दम तोड़ दिया जिसका पति जेल में बंद था. उसकी 16 साल की बेटी जेल पहुंच कर अपने पिता के लिए जेल से बाहर लाने के लिए धरने पर बैठ गई. बेटी की इच्छा थी कि पिता ही मां का अंतिम संस्कार करें. घंटों तक धरने पर बैठी लड़की को देखकर भी जेल अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. इस मामले का पता जब धौलपुर कलेक्टर को पता चला तो उन्होंने इस मामले में आदेश दिया तब कहीं जाकर उक्त व्यक्ति को अपनी पत्नी की चिता को आग देने के लिए पैरोल मंजूर हुई.
गिरजा परमार धौलपुर जिले के कौलारी की परौआ गांव की रहने वाली है. उसके पिता बसंता के ऊपर जमीनी विवाद में हत्या का आरोप है. इसी आरोप में वह भरतपुर के सेवर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. गिरजा अपनी मां के साथ अकेली रह गई थी. लेकिन उसकी मां गुड्डी देवी को भी जमीनी विवाद के चलते एक महीने पहले ही पेट्रोल डाल कर आग लगाकर जान से मार दिया गया. अस्पताल में भर्ती कराने के बाद गुड्डी देवी ने दम तोड़ दिया. बेटी की इच्छा थी कि उसके पिता ही मां की चिता को अग्नि दें.
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इसके लिए वह 16 घंटे भरतपुर में सेवर जेल के बाहर बैठी रही. लेकिन जेल प्रशासन ने बिना कानूनी औपचारिकता के उसके पिता को पेरोल पर रिहा करने से साफ इनकार कर दिया. जेल प्रशासन के बाद बेटी गिरजा परमार धौलपुर कलेक्ट्रेट के गेट पर जा बैठी. मामले को जानने के बाद धौलपुर कलेक्टर राकेश जयसवाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जेल अधिकारियों से बातीचत कर बसंता को सेवर जेल से धौलपुर ले जाने के आदेश दिए. पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए ही पैरोल की इजाजत मिली . इसके बाद तुरंत उसे भरतपुर की सेवर जेल में भेज दिया गया.
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