राजस्थान : सरकारी हाॅस्टल से भागे 16 बच्चे, SHRC ने DM से मांगी रिपोर्ट

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Thu, 20th Jan 2022, 11:28 PM IST
  • राजस्थान मानव अधिकार आयोग ने आधी रात में हाॅस्टल की दीवार फांद कर भागे राजकीय आवासीय स्कूल के 16 बच्चों के मामले में आयुक्त एवं शासन सचिव, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग और जालोर जिला कलेक्टर से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने सख्ती दिखाई है.
राजस्थान मानव अधिकार आयोग

जयपुर. राजस्थान मानव अधिकार आयोग State Human Rights Commission ने आधी रात में हाॅस्टल की दीवार फांद कर भागे राजकीय आवासीय स्कूल के 16 बच्चों के मामले में आयुक्त एवं शासन सचिव, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग और जालोर जिला कलेक्टर से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने सख्ती दिखाई है.

मामला राजस्थान के जालोर जिले का है. जिले के रानीवाड़ा के चांडपुरा स्थित देवनारायण सरकारी उच्च माध्यमिक आवासीय स्कूल के 16 बच्चें वार्डन के रवैए से परेशान होकर सर्द देर रात करीब 11 बजे हाॅस्टल की कटीली दीवार फांद कर में भाग निकले. ये बच्चें 10 वीं और 11 वीं में अध्ययनरत हैं. बच्चे वार्डन की व्यवहार और अव्यवस्थाओं से परेशान हो गए थे. सर्द रात में करीब 90 किमी तक सफर कर सुबह तड़के 4 बजे जालोर पहुंचे. साधन नहीं मिलने के कारण वे 10 किमी और पैदल चले. उसके बाद सवारी की मदद लेकर सुबह 10 बजे जालोर जिला कलेक्टर नम्रता के सामने हाथ जोड़कर पेश हुए. उनसे अपना दर्द बयां किया और जल्द न्याय की मांग की.

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आवासीय स्कूल से भागे विद्यार्थियों ने जिला कलेक्टर से कहा है कि वार्डन उन्हें भरपेट भोजन नहीं देते हैं. झाडूं से उनकी भी पिटाई करते हैं. साथ ही विद्यार्थियों से खाना भी बनवाने और बर्तन धुलवाने का काम कराते हैं. इसके आलावा उन्होंने बच्चों से अवैध वसूली और फर्जी तरीके से कर्मचारियों के नाम चलाने समेत कई गड़बड़ियों की शिकायतें जिले के कलेक्टर से की. तीन पन्नों का शिकायती लेटर लिखकर बच्चों ने जिला कलेक्टर को सौंप दी. लेटर के जरिए उन्होंने राजकीय आवासीय स्कूल वार्डन बद्रीलाल चौहान पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

शिकायती पत्र के माध्यम से विद्यार्थियों ने जिला कलेक्टर से तत्काल न्याय दिलाने की गुहार लगाई. बताया जा रहा है कि जिस स्कूल से ये 16 बच्चे जालोर जिला कलेक्टर ऑफिस की ओर भागे वहां करीब ढाई सौ बच्चे पढ़ने के लिए ठहरे हैं.

आरोप सही पाए जाने के बाद कलेक्टर ने वार्डन को तत्काल किया सस्पेंड

मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी वार्डन को जिला कलेक्टर ने जांच में वास्तव तौर पर गडबड़ी पाए जाने के बाद हटा दिया. जालोर जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए रानीवाड़ा एसडीएम प्रकाशचंद्र अग्रवाल और समाज कल्याण के सहायक निदेशक सुभाषचंद्र मणि के आलावा बाल कल्याण समिति अध्यक्ष नैनसिंह राजपुरोहित और सदस्य रमेश कुमार को चांडपुरा स्थित देवनारायण गवर्नमेंट उच्च माध्यमिक आवासीय स्कूल भेजा.  जांच के बाद इन अधिकारियों ने आवासीय स्कूल में कई गड़बड़ियां होने की पुष्टि की. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने वार्डन को तत्काल सस्पेंड कर स्कूल के एक लेक्चरर यानी टीचर को अस्थायी तौर पर चार्ज सौंप दिया. जिला कलेक्टर के आश्वासन के बाद सभी सोलहों बच्चे स्कूल वापस जाने के लिए तैयार हुए. वाहन की व्यवस्था कर जिला कलेक्टर ने कुछ देर बाद बच्चों को वापस स्कूल भेजवाया.

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