राजस्थान के सभी स्कूलों की होगी ग्रेडिंग, पेरेंट्स को ऐसे होगा फायदा

Priyanka Kumari, Last updated: Thu, 16th Sep 2021, 11:32 AM IST
  • राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों की मॉनटरिंग के लिए शाला संबलन ऐप बनाया गया है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिहं डोटासरा ने बुधवार को इस ऐप को लॉन्च किया है.
अब मोबाइल ऐप से कर सकेंगे स्कूलों को मॉनटरिंग (प्रतीकात्मक फोटो)

जयपुर: राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों की मॉनटरिंग के लिए शाला संबलन ऐप बनाया गया है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिहं डोटासरा ने बुधवार को इस ऐप को लॉन्च किया है. कार्यक्रम इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि लोगों में सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास बढ़ा रहा है. इस ऐप के जरिए स्कूलों के कार्यों का फीडबैक मिलेगा. स्कूलों की कमियों के बारे में जानकारी मिलेगी जिससे तेजी से कमियों को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र मे अभी तक राजस्थान का दूसरा स्थान है, लेकिन इस बार के राष्ट्रिय सर्वे में पहले पायदान पर आने की कोशिश करेगा.

अब स्कूलों की मॉनटरिंग अब आप मोबाइल ऐप के जरिए कर सकते हैं. शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आने के लिए पूरी विभाग अपने काम में लगा है. नवंबर में जो सर्वे किया जाएगा उसके लिए विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहे है. प्रदेश में महात्मा गांधी स्कूलों की अच्छी प्रतिक्रिया आ रही है. इस साल प्रदेश में 348 अंग्रेजी मीडियम स्कूल खुले उनमें प्रवेश के लिए सिफारिशें आ रही है. इस साल राजस्थान को स्कूल शिक्षा में पहले स्थान पर लाने की कोशिश की जा रही है.

यूपी चुनाव में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की पार्टी RPI भी लड़ सकती है चुनाव, BSP में लगाएंगे सेंध

वहीं शिक्षा मंत्री ने बुधवार आधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की ग्रेडिंग की भी तैयाारी की जााए. जिससे हर स्कूल का स्तर पता चल सकेगा. जिस प्राइवेट स्कूल से सरकारी बेहतर है, उस स्कूल का लाभ आरटीआई में आम अभिभावक को मिल सके. इसके लिए जल्द कवायद शुरू की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में सरकारी स्कूलों के नामाकंन में तीन लाख का आंकड़ा बढ़ा है. आने वाले दिनों में अब शिक्षा विभाग राज्य में निजी प्री प्राइमरी स्कूलों की तरह सरकारी प्री प्राइमरी स्कूल भी खोलने जा रहा है जिसे लेकर भी कवायद की जा रही है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें