पढ़ी लिखी लड़की शादी से पहले सह​मति से संबंध बनाए तो रेप नहीं: राजस्थान HC

Naveen Kumar, Last updated: Sat, 26th Feb 2022, 9:56 AM IST
  • राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि शादी का वादा करके अगर युवक युवती आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाते हैं और इसके बाद किसी कारणवश शादी नहीं होती तो इसे रेप नहीं माना जाएगा.
राजस्थान हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने युवक युवती द्वारा शारीरिक संबंध बनाने पर बड़ी टिप्पणी की है. हाई कोर्ट ने कहा है कि शादी का वादा करके अगर युवक युवती आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाते हैं और इसके बाद किसी कारणवश शादी नहीं होती तो इसे रेप नहीं माना जाएगा. इसे धोखाधड़ी या जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने को प्रेरित करना नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने कहा, जब सब कुछ आपसी सहमति से हो रहा है और किसी वजह से वादा पूरा ना हो तो इसे धोखा नहीं माना जा सकता. न्यायाधीश ने कहा, दुर्भाग्य की बात है, लेकिन अब ऐसे केस आम हो गए हैं. प्रेम प्रसंग में पड़कर युवक युवती पहले शारीरिक संबंध स्थापित कर लेते हैं फिर उनका ब्रेकअप हो जाता है और इस तरह के मामले सामने आते हैं. न्यायाधीश फरजंद अली ने राधाकृष्ण मीणा और अन्य के खिलाफ रेप के आरोप में दर्ज एफआईआर को लेकर ​दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की.

याचिकाकर्ता के अनुसार, 2018 में रिश्तेदारों के जरिए युवती से जान पहचान हुई थी. दोनों में प्रेम प्रसंग हो गया. इसी बीच दोनों के बीच अलग अलग जगहों पर आपसी सहमति से कई बार शारीरिक संबंध भी स्थापित हुए. लेकिन, बाद में दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई और ब्रेकअप हो गया. इसके बाद युवती ने युवक के खिलाफ धोखाधड़ी से शारीरिक संबंध बनाने और बाद में वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करवा दी. पुलिस ने मामले में दो बार एफआर लगा दी, लेकिन युवती के दबाव के चलते अनुसंधान जारी रहा. 

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इसके बाद युवक ने हाई कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की अर्जी लगाई. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता और उसके परिजनों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. कोर्ट ने आदेश में कहा कि युवक ने कब शादी से इनकार किया ये स्पष्ट नहीं है, संभवत: 2018 में हुआ होगा. लेकिन, इतने लंबे से युवती चुपी थी और कार्रवाई नहीं करना संदेह उत्पन्न करता है. यहां तक कि इसके बाद भी युवती याचिकाकर्ता के साथ लंबे समय तक संबंध में रही. युवती की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं करना और ना ही कोई वीडियो पेश करना, संदेह पैदा करता है. युवती का परिवार भी याचिकाकर्ता से शादी को राजी नहीं था.

कोर्ट ने कहा, इस मामले में दोनों के बीच प्रेम प्रसंग था. दोनों ने कई बार आपसी सहमति से शारीरिक संबंध भी बनाए. लेकिन, समय के साथ दोनों तालमेल नहीं बैठा पाए और रिश्ते खराब हो गए. रेप में जबरदस्ती होना आवश्यक है, लेकिन इस मामले में ना तो जबरदस्ती हुई और ना ही याचिकाकर्ता ने झूठ बोल कर रिश्ता बनाया. शिकायकर्ता युवती पढ़ी लिखी है और जेल गार्ड की नौकरी करती है, यदि किसी अनपढ़ ​महिला को शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाने के बाद इनकार किया होता, तो ये रेप माना जाता.

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