राजस्थान में 31 हजार शिक्षकों की भर्ती, REET परीक्षा से जुड़ेंगे 90 फीसदी मार्क्स
- राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद अब जल्द ही तृतीय श्रेणी के 31 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी. अभ्यर्थियों को रीट की मार्कशीट सहित अपने एकेडमिक डॉक्यूमेंट स्कैन करके अपलोड करने होंगे. जिसके बाद अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट जारी होगी. फाइनल कटऑफ जारी होगा और मेरिट लिस्ट के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती होगी. मेरिट लिस्ट बनाते समय अभ्यर्थियों के 90 फीसद मार्क्स रीट परीक्षा से जोड़ें जाएंगे.
जयपुर: राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद अब जल्द ही तृतीय श्रेणी के 31 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी. रीट परीक्षा में पास करने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे. भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों को रीट की मार्कशीट सहित अपने एकेडमिक डॉक्यूमेंट स्कैन करके अपलोड करने होंगे. जिसके बाद अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट जारी होगी. फाइनल कटऑफ जारी होगा और मेरिट लिस्ट के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती होगी. मेरिट लिस्ट बनाते समय अभ्यर्थियों के 90 फीसद मार्क्स रीट परीक्षा से जोड़ें जाएंगे. वहीं 10 फीसद मार्क्स एकेडमिक इंडेक्स से जुड़ेंगे. यानी फाइनल मेरिट लिस्ट में 90: 10 का फार्मूला लगेगा.
राजस्थान बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली ने कहा कि, हमने परीक्षा के जरिए पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी की है. भर्ती के लिए फाइनल मेरिट बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के द्वारा निकाली जाएगी. इसी मेरिट से 31 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी. जारौली ने कहा कि सामान्य श्रेणी के परीक्षार्थियों के लिए 60 फीसदी और इससे ऊपर की पात्रता है.
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जारौली ने कहा कि बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पात्र परीक्षार्थियों के एकेडमिक इंडेक्स से 10 फीसदी मार्क्स जोड़ेगा। इसके बाद फाइनल मेरिट लिस्ट बनेगी. इसके आधार पर ही सरकार नियुक्तियां देगी. फाइनल मेरिट में 90:10 का फॉर्मूला लगाया जाएगा. यानी 90 फीसदी मार्क्स रीट से लिए जाएंगे, जबकि 10 फीसदी एकेडमिक डिग्री से लिए जाएंगे.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी दी है. इससे बेरोजगार आशार्थियों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस भर्ती से राज्य सरकार पर 2 साल तक परीवीक्षा काल में 881.61 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. इतना ही नहीं इसके बाद 1717.40 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष का वित्तीय भार भी राज्य सरकार को उठाना होगा.
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