धारा 370 के पहले और बाद का कश्मीर विषय पर जयपुर में वेबीनार
- सोसायटी फॉर एफिशिएंट गवर्नेंस एंड एडमिनिस्ट्रेशन (सेगा) की ओर से “धारा 370 के पहले और बाद का कश्मीर” विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया. मुख्य वक्ता अविनाश खन्ना ने बताया कि जल्द ही जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का कार्यक्रम शुरू होगा.

सोसायटी फॉर एफिशिएंट गवर्नेंस एंड एडमिनिस्ट्रेशन (सेगा) की ओर से “धारा 370 के पहले और बाद का कश्मीर” विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया. इस वेबीनार के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के प्रदेश प्रभारी अविनाश खन्ना थे.
अविनाश खन्ना ने अपने उद्बोधन में बताया कि किस प्रकार धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर पूर्ण रूप से भारत का अंग बना है. मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से देश पूर्ण रूप से एकजुट हुआ है. खन्ना ने बताया कि किस प्रकार पहले कश्मीर में तिरंगा फहराने के लिए हमें यात्राएं निकालने पड़ती थी, लेकिन आज वहां घर-घर में तिरंगा दिख रहा है. यह धारा 370 हटने के कारण ही संभव हो पाया है.
खन्ना ने बताया कि धारा 370 हटाने के बाद अब भारत का प्रत्येक नागरिक खुले मन से बिना किसी डर से जम्मू कश्मीर घूम सकता है और वहां रह सकता है. उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर की जनता ने इसका खुले मन से स्वागत किया है. एक साल में कई नेता जो पहले धारा 370 का समर्थन करते थे, अब बाहर आ चुके हैं. लेकिन जनता कहीं से भी उनका समर्थन नहीं कर रही. यहां तक कि कई मुसलमान सैनिक ईद मनाने के लिए भी नहीं गए, क्योंकि उन्होंने देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए हुए लॉकडाउन में अपनी ड्यूटी करना ज्यादा महत्वपूर्ण समझा. यह बताता है कि वहां की जनता भारत सरकार के इस फैसले को बिना किसी दबाव के और अपने मन से अपना रही हैं.
इस धारा के हटने के बाद अब विशेष रूप से जम्मू कश्मीर की बेटियों को उनका हक मिलेगा. वे जम्मू-कश्मीर से बाहर भी कहीं शादी करती हैं तो उनकी जायदाद सुरक्षित रहगा.
सभी प्रतिभागियों के विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए खन्ना ने बताया कि जल्द ही जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का कार्यक्रम शुरू होगा और पाक अधिकृत कश्मीर भी जल्द ही भारत का हिस्सा होगा. धारा 370 हटने के बाद विशेष रूप से वहां पर बसने वाली अनुसूचित जाति और जनजाति को आरक्षण का अधिकार मिलेगा और सदियों से चले आ रहे अन्याय से मुक्ति मिलेगी. अब वहां की जनता की शिक्षा और स्वास्थ्य भारत सरकार का मुख्य एजेंडा है.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रिटायर्ड कर्नल देव आनंद गुर्जर ने मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया और कहा की धारा 370 तो कई साल पहले हट जानी चाहिए थी लेकिन यह उस समय की सरकारों के निजी हितों के कारण नहीं हो पाया. उन्होंने नेहरू परिवार के ऊपर प्रश्न उठाते हुए दुर्भावना से कश्मीर विषय को यूएन में रखने का विरोध किया और बताया कि देश का व्यक्ति, देश की एकता अखंडता के लिए मर सकता है.
कार्यक्रम की संयोजक सचिव और राजस्थान यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डेज़ी शर्मा ने बताया कि कश्मीर भारतीय अस्मिता से जुड़ा हुआ विषय है. इसलिए आवश्यक हो जाता है कि भारत का नौजवान धारा 370 के ऐतिहासिक कदम के बाद उस हालात को समझें. इसीलिए यह वेबीनार आयोजित कराया गया. संचालन डॉक्टर करुणाकर सिंह ने किया.
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