जयपुर: बेटे के दोस्त ने ही लगाया युवक को चूना, सिम कार्ड ट्रांसफर कर उड़ाए रुपए

Smart News Team, Last updated: Wed, 3rd Mar 2021, 7:59 PM IST
  • जयपुर में साइबर ठगी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है. यहां पर बेटे के दोस्त ने ही बुजुर्ग को चूना लगा दिया. बुजुर्ग का सिम अपने नाम पर ट्रांसफर करके उसके एकाउंट से सवा लाख रुपए निकाल कर ठगी कर ली. पुलिस आरोपी को अरेस्ट कर पूछताछ कर रही है.
सांकेतिक तस्वीर

जयपुर. जयपुर में ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बदमाश लोगों को ठगी के लगातार नए-नए तरीके इजात कर रहे हैं. हाल ही में एक बुजुर्ग व्यक्ति के मोबाइल नंबर की सिम कार्ड को ट्रांसफर करवाकर बैंक खाते से यूपीआई के जरिए सवा लाख रुपए निकाल लिए गए. हालांकि, यह मामला इसलिए हैरान कर देने वाला है, क्योंकि, इसमें युवक के बेटे के दोस्त को गिरफ्तार किया गया है. यह घटना सांगानेर सदर थाना क्षेत्र की है.

आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है. मामले को लेकर डीसीपी (साउथ) हरेन्द्र कुमार ने बताया कि बापू नगर बिलवा शिवदासपुरा निवासी श्याम सिंह जादौन ने आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है. उसके बैंक खाते से यूपीआई के जरिए ऑनलाइन हजारों रुपए का ट्रांजेक्शन दूसरे खाते में किया गया. ऑनलाइन मनी ट्रांसफर की जानकारी करने पर पता चला कि उसके मोबाइल नंबर का सिमकार्ड उसके नाम से नहीं है. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि शातिर ने धोखाधड़ी से सिमकार्ड को अपने नाम से करवा लिया. जिसके जरिए बैंक खाते में सेंध लगाकर यूपीआई के जरिए 1 लाख 23 हजार रुपए ट्रांसफर किए है.

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साइबर ठगी की इस घटना में 22 साल के महेश शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. जांच में सामने आया है कि महेश शर्मा नाम के युवक ने पीड़ित के सिमकार्ड को अपने नाम पर ट्रांसफर कर ऑनलाइन ठगी की. पूछताछ में सामने आया है कि वह पीड़ित की चाय की दुकान पर चाय पीने आता था. पिछले करीब 6 माह पूर्व पीड़ित के बेटे सचिन से उसने दोस्ती कर ली. दोस्ती का विश्वास करके सचिन और वह साथ रहने लगे. तभी मौका पाकर सचिन के पिता श्याम सिंह के मोबाइल से पेटीएम अकाउंट का यूपीआई नंबर प्राप्त कर लिया. जिसके बाद मोबाइल से सिमकार्ड पोर्ट का मैसेज कंपनी को कर ओटीपी और फोटो का स्क्रीन शॉट लेकर ई-मित्र पर चला गया. यहां उसने श्याम सिंह का नंबर पोर्ट करवाया. तीन दिन के बाद सिम कार्ड आरोपित महेश के नाम से चालू हो गया. तभी पेटीएम अकाउंट चालू कर पूर्व में प्राप्त पेटीएम यूपीआई नंबर से पीडि़त के बैंक खाते में जमा 1 लाख 23 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए.

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