प्रदेश के सवा लाख विद्यार्थियों को अब देरी से मिलेंगी किताबें, जानिए वजह
- ओपन स्कूल की ओर से इस बार सवा लाख बच्चों को किताबें पांच महीने की देरी से मिलेंगी. आमतौर पर विद्यार्थियों को दिसंबर तक किताबें मिल जाती थी.

जयपुर: राजस्थान में दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षा देने वाले करीब सवा लाख छात्रों को पांच महीने देरी से किताबें उपलब्ध होंगी. ओपन स्कूल की ओर से हो रही इस देरी के कारण विद्यार्थियों को काफी नुकसान हो रहा है. बता दें कि किताबों के टेंडर में हुई देरी का खामियाजा अब छात्रों को भुगतना पड़ेगा. आमतौर पर विद्यार्थियों को दिसंबर तक किताबें मिल जाती थी.
लेकिन इस बार टेंडर में ही हुई देरी के चलते मई तक ही किताबें मिलने की उम्मीद है. बता दें, इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को किताबें स्टेट ओपन स्कूल की तरफ से दी जाती है. वहीं, परीक्षा आवेदन शुल्क में ही इन किताबों का शुल्क भी शामिल रहता है. ओपन स्कूल की तरफ से हर विद्यार्थी को करीब 5 किताबें दी जाती है. इस तरह से सवा लाख विद्यार्थियों के लिए 6 लाख से अधिक किताबें छापी जाती हैं.
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इसके बाद इन विद्यार्थियों की परीक्षा अप्रैल-मई तक हो जाती है. लेकिन इस बार मई तक तो किताबें ही भेजी जाएंगी. इस मुद्दे को लेकर स्टेट ओपन स्कूल के सचिव महेश कुमार का कहना है कि कोरोना के चलते आवेदन की प्रक्रिया देरी से प्रारंभ हुई. आवेदन प्रक्रिया दिसंबर तक चली. इस कारण पहले टेंडर नहीं कर पाए, हालांकि, अब टेंडर प्रोसेस में है. विद्यार्थियों को जितनी जल्दी हो सकेगी किताबें उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा.
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