जुर्माने से बचने के लिए कम्पनी 40 करोड़ की वसूली को बता रही 87 करोड़
- जयपुर नगर निगम ने न्यास विकास शुल्क वसूल करने का एक निजी प्राईवेट कंपनी को ठेका तो दिया. लेकिन जितना लक्ष्य था उतना राजस्व वसूल नही किया जा सका.

जयपुर: नगर निगम ग्रेटर ने नगर न्यास विकास शुल्क वसूल करने का एक निजी प्राईवेट कंपनी को ठेका तो दिया अब लेकिन कंपनी द्वारा तय टारगेट जितना राजस्व वसूल नहीं किया जा सका है. नगर निगम द्वारा खुद के संसाधनों व कर्मचारियों की ओर से जो राजस्व वूसल किया है उसे भी कंपनी अपने खाते में दिखाकर जुर्माने से बचना चाह रही है. इस काम में निगम के कई अफसर भी कंपनी की मदद करने में लगे हुए है.
कंपनी दावा कर रही है उसने 80 करोड़ रुपए की बजाए 87 करोड़ रुपए नगरीय विकास कर और निजी साइट पर लगने वाले होर्डिंग से वसूल किए है. जबकि सच्चाई यह है कि कंपनी ने उन 47 करोड़ रुपए को भी अपने खाते में जोड़ लिया है जो निगम के प्रयासों से आए थे. कंपनी द्वारा यह सारा गड़बड़झाला जुर्माने से बचने के लिए किया जा रहा है.
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9.95 फीसदी जुर्माने का प्रावधान
कंपनी द्वारा लक्ष्य के मुताबिक राजस्व वसूली नहीं किए जाने पर जुर्माने का प्रावधान भी है. यह जुर्माना 9.95 फीसदी रखा गया है. कंपनी ने 80 करोड़ के टारगेट के मुकाबले अब तक 40 करोड़ रुपए ही वूसल पाई है. ऐसे में कंपनी पर 40 करोड़ रुपए कम वसूल किए जाने के कारण करीब 4 करोड़ रुपए का जुर्माना लगना है. लेकिन कंपनी जुर्माने से बचने के लिए निगम के द्वारा लाए गए 47 करोड़ रुपए को भी अपने खाते में जोड़कर खुद की राजस्व वूसली 87 करोड़ रुपए दिखा रही है. कंपनी के इस काम में निगम के कुछ अफसर भी मदद कर रहे है.
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