जयपुर एयरपोर्ट अडानी ग्रुप को मिला, एयरपोर्ट अथॉरिटी को 10 करोड़ रुपए का घाटा

Smart News Team, Last updated: Wed, 26th Aug 2020, 3:15 PM IST
  • दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट में एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर जारी किए गए आदेशों के बाद जयपुर एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप ने सम्भाल लिया है. लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी के कालीकट एयरपोर्ट के एम्प्लॉइज यूनियन द्वारा तैयार एक स्टडी रिपोर्ट के अनुसार हर माह 10 करोड रुपए के नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है.
जयपुर हवाई अड्डा (फ़ाइल फ़ोटो )

जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण को मंजूरी दी जा चुकी है. अडानी ग्रुप ने छह अन्य कंपनियों में सबसे ज्यादा रेट लगाई है. इसके बावजूद एयरपोर्ट अथॉरिटी को नुकसान तय माना जा रहा है. निजीकरण के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी को हर माह करीब 10 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अंदेशा लगाया जा रहा है.

एयरपोर्ट अथॉरिटी के कालीकट एयरपोर्ट के एम्प्लॉइज यूनियन द्वारा तैयार एक स्टडी रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है. आपको बता दें की 8 नवंबर 2018 को केन्द्र की कैबिनेट कमेटी ने 6 एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने को मंजूरी दी थी. जयपुर, अहमदाबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलूरु एयरपोर्ट 50 साल के लिए पीपीपी मोड पर संचालित करने का फैसला लिया गया. पीपीपी मोड पर देने के लिए बनी कमेटी और नीति आयोग ने सिफारिशें दी थीं. एम्पलॉइज यूनियन का मानना है कि निजीकरण करने में जल्दबाजी की गई है.

जल्दबाजी इस बात को लेकर है कि 7 दिसंबर को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने निजीकरण का ड्राफ्ट एग्रीमेंट तैयार किया था. 10 दिसंबर को यानी 3 दिन में नीति आयोग ने अप्रेजल नोट भेज दिया. इसी दिन इकोनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट ने अप्रेजल नोट भेज दिया. 11 दिसंबर को पीपीपीएसी ने मीटिंग बुलाई और 14 दिसंबर को एयरपोर्ट के निजीकरण का रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल आमंत्रित किया. 2 माह में निजीकरण के लिए जरूरी काम पूरे कर लिए गए.

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