जयपुर: ‘कोविड जयपुर’ नामक टेलीग्राम ग्रुप से हो रही है कोरोना के मरीजों की मदद

Smart News Team, Last updated: Sat, 15th May 2021, 2:28 PM IST
  • कोविड जयपुर के नाम से टेलीग्राम पर बने ग्रुप में कोविड मरीजों की खूब मदद की जा रही है. खास बात यह है कि इस ग्रुप में ऐसे लोग जुड़े हैं, जो इस बीमारी से जूझ चुके है या फिर वे मदद का जज्बा रखते हैं. ऐसे लोग दिन रात मरीजों की मदद करने में जुटे हैं.
प्रतिकात्मक दृश्य

जयपुर. कहा जाता है कि एक—दूसरे की मदद करने से एक चेन बन जाती है और जब यह पूरी चेन एक साथ काम करने लगती है तो हजारों—लाखों लोगों तक मदद पहुंचती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जयपुर के एक व्यक्ति ने. दरअसल, जब कोरोना की दूसरी लहर आई और जयपुर में बड़ी संख्या में मरीज पॉजिटिव आने लगे तो लोगों को यह जानकारी ही नहीं थी कि किस अस्पताल में कोविड बेड है. ऐसे में लोग दर—दर की ठोकरे खाते रहते थे. इसी बीच जयपुर के लोकेंद्र के मन में एक विचार आया और उन्होंने अपने कुछ जानकारों को टेलीग्राम पर  कोविड जयपुर नाम से ग्रुप बनाकर जोड़ा. सबसे पहले अस्पताल में बेड उपलब्धता की जानकारी वे इसमें शेयर करने लगे. हालांकि बाद में राज्य सरकार ने एक वेबसाइट लॉन्च की, जिसमें प्रदेशभर के अस्पतालों में उपलब्ध कोविड बेड का लाइव स्टेट्स देखा जा सकता है.

 

लोकेंद्र ने अपने साथियों के साथ संकल्प लिया कि हमें लोगों की मदद करनी है. मदद का यह कारवां इतना बढ़ता गया कि आज उनके साथ इस ग्रुप में छह हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए है. बड़ी बात यह है कि अधिकांश युवा इस ग्रुप में हैं. ये सभी अपने एक्सपीरियंस के आधार पर एक—दूसरे की मदद करते हैं.ग्रुप में 24 घंटे में हजारों की तादाद में मैसेज आते हैं. लोकेंद्र के साथ ही ग्रुप में जुड़े छह हजार लोगों में से जिसे भी जानकारी होती है वे तत्काल उस मैसेज का जवाब देते हैं. कोशिश यह होती है कि जो व्यक्ति परेशानी में हैं, उसकी पूरी मदद की जाए.

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टेलीग्राम पर बने कोविड जयपुर ग्रुप में मरीजों के परिजन या उनके दोस्त वेंटिलेटर, आॅक्सीजन बेड, आईसीयू या सामान्य बेड कहां उपलब्ध है, इस संबंध में सबसे ज्यादा मैसेज करते हैं. साथ ही रेमडेसिविर या अन्य जीवनदायी इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में या ये इंजेक्शन कैसे मिल सकते हैं, इसका पता लगाने के लिए भी लोग मैसेज करते हैं. इसके साथ ही किसी घर के अधिकांश सदस्य कोविड पॉजिटिव हो जाते हैं तो उन्हें घर तक खाना पहुंचाने के मैसेज भी मिलते है. साथ ही मरीज के लिए प्लाज्मा  डिमांड भी खूब आती है. इस ग्रुप से लोगों को काफी मदद मिल रही है.

 

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