जानवरों से है लगाव तो घूम आएं जयपुर का हाथी गांव, ये चीजें हैं आकर्षण का केंद्र
- खास बात यह है कि यहां पर हाथी की सवारी को प्रमोट नहीं किया जाता. लेकिन इस गांव में आकर पर्यटकों को हाथियों को नजदीक से जानने और उनके साथ मस्ती करने का मौका मिलता है.
राजा-महाराजाओं के समय से ही राजस्थान में हाथियों की सवारी काफी लोकप्रिय रही है. रजवाड़े हाथी की सवारी करना काफी पसंद किया करते थे. आज के समय में राजस्थान में कई ऐसी ऐतिहासिक जगहें हैं, जहां पर पर्यटक हाथियों की सवारी का लुत्फ उठा सकते हैं. हालांकि, हाथियों के संरक्षण को लेकर कुछ सामाजिक संस्थाओं ने आवाज उठाई, जिसके बाद राजस्थान सरकार ने एक अच्छी पहल करते हुए साल 2010 में आमेर के किले के पास हाथियों के गांव का निर्माण करवाया. जयपुर से 11 किलोमीटर दूर स्थित हाथियों के लिए बनाए गए इस गांव का नाम ही 'हाथी गांव' रख दिया गया.
अब हाथियों का गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित हाथी गांव पशु प्रेमियों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है. बता दें, हाथी गांव में जितने भी हाथी मौजूद हैं, उन्हें यहां पर दक्षिण भारत से लाया गया है. खास बात यह है कि यहां पर हाथी की सवारी को प्रमोट नहीं किया जाता. लेकिन इस गांव में आकर पर्यटकों को हाथियों को नजदीक से जानने और उनके साथ मस्ती करने का मौका मिलता है.
क्या है खास: हाथी गांव में महावत आपको उनसे संवाद करना, उन्हें खाना खिलाना सिखाता है. यहां पर हाथियों के नहाने के लिए एक तालाब भी बना हुआ है. यहां पर पर्यटक हाथियों को नहाते और उन्हें मस्ती करते देख सकते हैं. साथ ही इस गांव में आप हाथियों के हाथ पर रंगोली भी बना सकते हैं.
प्रवेश शुल्क: 120 बीघा जमीन पर फैला हाथियों का यह गांव अपने आप में भारत का पहला ऐसा गांव है. यहां पर पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपये निर्धारित किया गया है. अगर आप यहां पर हाथी की सवारी करना चाहते हैं तो केवल 15 मिनट के लिए ही आपको 2000 से 2500 तक का भुगतान करना पड़ सकता है.
कैसे पहुंचे: आमेर के किले से जयपुर से 11 किमी की दूरी पर स्थित है. जयपुर से हर 30 मिनट में किले के लिए बस रवाना होती है, इसके अलावा व्यक्ति कैब और टैक्सी से भी यहां पहुंच सकता है. जयपुर रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस अड्ढा देश के सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है. एयरपोर्ट से किला 27 किमी की दूरी पर है, ऐसे में टैक्सी या कैब से यहां पहुंचा जा सकता है. बता दें, आमेर के किले से हाथी गांव केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, आप रिक्शा के जरिए वहां पहुंच सकते हैं.
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