जयपुर : 2 साल में 8 बार चुनाव आचार संहिता, रोजगार प्रभावित और विकास भी ठप

Smart News Team, Last updated: Tue, 12th Jan 2021, 5:51 PM IST
  • चुनावों के कारण बार-बार आचार संहिता लगने से सात भर्तियों के चयनित उम्मीदवार नियुक्ति के लिए इंतजार कर रहे हैं. वहीं, राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित प्रथम श्रेणी व्याख्याता भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों की अब तक काउंसलिंग शुरू नहीं हो सकी है.
चुनाव प्रचार करते प्रत्याशी (फाइल फोटो)

जयपुर. राजस्थान में पिछले दो साल में चुनावों के कारण आठ बार आचार संहिता लग चुकी है. ऐसे में न तो युवाओं को नौकरी मिल पा रही है और न ही विकास रफ्तार पकड़ रहा है. हालात यह है कि छात्रावास अधीक्षक सहित सात भर्तियों के चयनित उम्मीदवार नियुक्ति के लिए इंतजार कर रहे हैं. वहीं, राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित प्रथम श्रेणी व्याख्याता भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों की अब तक काउंसलिंग शुरू नहीं हो सकी है. ऐसे में यदि अभी प्रथम श्रेणी व्याख्याता के चयनितों को नियुक्ति मिल जाती तो विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलता. 

कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद थे, ऐसे में बोर्ड कक्षाओं के बच्चों की पढ़ाई इन व्याख्याताओं के कारण समय पर पूरी हो जाती. 25 अक्टूबर, 2019 को नगरपालिका चुनावों के लिए आचार संहिता लगी. इसके बाद 26 दिसंबर, 2019 को फिर से आचार संहिता सरपंच और पंच चुनाव के लिए लागू हो गई. 12 मार्च, 2020 को छह नगर निगमों के चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो गई. वहीं, 7 सितंबर 2020 को शेष रही 3848 पंचायत चुनाव और 10 अक्टूबर, 2020 को छह नगर निगमों के चुनाव के लिए फिर से आचार संहित लगी. 26 अक्टूबर, 2020 को 21 जिलों की जिला परिषदों और पंचायत समिति के लिए, 7 नवंबर 2020 को नगरीय निकायों के लिए और 4 जनवरी 2021 को 90 नगर पालिकाओं के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ आचार संहिता लागू हो गई. 

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दो साल में आठ बार आचार संहिता लगने के कारण विकास कार्य और कई बजट घोषणाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. ऐसे में अब उम्मीद है कि 90 निकायों के चुनाव के बाद आगामी दिनों में कोई चुनाव नहीं है. इसलिए अब जल्द ही विकास राजस्थान में रफ्तार पकड़े तो आमजन को भी राहत मिले.

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