जयपुर सहित 3 एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने से जनता को होगा नुकसान- खाचरियावास
- जयपुर. केंद्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट को 50 साल के लिए निजी हाथों में सौपने का फैसला कर लिया है. जयपुर एयरपोर्ट का संचालन अडानी एंटरप्राइजेज संभालेगा. जयपुर एयरपोर्ट सहित गुवाहाटी और तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट को भी निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है.

परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि जयपुर एयरपोर्ट, गुवाहाटी और तिरूअनंतपुरम एयरपोर्ट को केंद्र सरकार की निजीकरण करने की जनविरोधी नीति के तहत अडानी ग्रुप को 50 वर्ष के लिए लीज पर दे दिया गया है. केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में तीनों हवाई अड्डों को अडानी ग्रुप के हाथों में 50 वर्ष तक लीज पर देने के फैसले से जहां अडानी ग्रुप को बड़ा लाभ होगा वहीं सरकार के इस फैसले से आम जनता को बड़ा नुकसान होगा , हवाई अड्डे पर मिलने वाली सभी चीजें महंगी हो जाएंगी इसका सीधा असर एयरपोर्ट पर यात्रा करने वाले यात्रियों एवं उनके परिजनों को उठाना पड़ेगा. यात्रियों पर महंगाई की मार पड़ेगी यात्रा सहित सभी चीजें महंगी हो जाएंगी.
उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है, बीएसएनल का भट्टा बैठ गया है, एयरपोर्ट निजी हाथों में दिए जा रहे हैं. कोरोना काल में गरीब और मध्यमवर्गीय तथा अमीरों तक की स्थिति कमजोर हो रही है लेकिन देश के बड़े चार या पांच उद्योगपतियों की संपत्ति 3 गुना बढ़ गई है. आश्चर्य की बात है की हर नीति बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाली है. आम आदमी के दुःख दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है, ऐसे में एयरपोर्ट को निजी हाथों में देना देश की जनता के साथ सरासर धोखा है.
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