जरूरत से ज्यादा नमक खाने से जयपुरवासियों में बढ़ी हाई-बीपी और हृदय रोग की बीमारी

Smart News Team, Last updated: Thu, 8th Apr 2021, 11:57 AM IST
  • एक शोध में पता चला है की जरूरत से तीन गुना ज्यादा नमक खाने से जयपुरवासियों में हाई-बीपी और हृदय रोग की बीमारियाँ बढ़ गयी है.
जरूरत से ज्यादा नमक खाने से जयपुरवासियों में बढ़ी हाई-बीपी और हृदय रोग की बीमारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जयपुर: राजधानी जयपुर पूरे विश्व में अपने खान-पान के लिए प्रसिद्ध है. यहां के लोग खाने-पीने के शौक-शौक में अपने भोजन में जरूरत से अधिक तीन गुना नमक खा रहे है. इसके चलते लोगों हाई-बीपी से लेकर ह्रदय रोग के मरीज बढ़ रहे हैं. यह खुलासा राजस्थन विश्वविद्यालय के एक शोध में हुआ है, जो डायटिशियन डॉ. सोनल ढेमला ने राजस्थान विवि के गृह विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कनिका वर्मा के निर्देशन में किया है. जयपुर में रक्तचापन की व्यापकता 2012 में 32.2 फीसदी थी. जो 2017 में 36.1 हो गई जो 2020 में से बढ़कर 38.97 हो गई.

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इस अध्ययन के लिए 200 लोगों को चुना गया जो किसी भी तरह की बीमारी से पीडि़त नहीं थे. साथ वे किसी भी प्रकार की दवाईं नहीं ले रहे थे. नमक का स्तर नापने के लिए डब्ल्यूएचओ की तकनीक 24 घंटे मूत्र में सोडियम का उत्सर्जन तकनीक का सहारा लिया गया. लोगों का 24 घंटे का पूरा मूत्र इक्कठा किया गया और फिर उसमें सोडियम उत्सर्जन का स्तर प्रयोगशाला में रासायनिक क्रिया द्वारा जांचा गया. नतीजे से पता चला कि 91 फीसदी लोग तय मात्रा से अधिक नमक का सेवन कर रहे थे. किसी को भी नमक की मात्रा के बारे में नहीं पता था. नमक के सेवन की मात्रा का संबंध रक्तचाप के साथ नापा तो उसका स्तर भी बढ़ता हुआ पाया. कुल सोडियम के सेवन की मात्रा का 80.5 प्रतिशत सिर्फ नमक की वजह से पाया गया.

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अधिक नमक सेवन से बढ़ी ये बिमारियां

भोजन में नमक की अधिक मात्रा के सेवन से कई गैर-संचारी रोगों जैसे उच्च रक्तचाप, ह्रदय के अन्य रोग, पेट का कैंसर, हड्डियों का कमजोर होना, आंखों में परेशानी होना, अस्थमा आदि होने का खतरा रहता है. शोध के अनुसार अगर हम नए उपलब्ध आंकड़ों की माने तो लगभग 33 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीण भारतीय उच्च रक्तचाप से पीडि़त है.

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