केंद्र ने मांगें नहीं मानी तो पूर्वी राजस्थान के किसान भी बोलेंगे दिल्ली पर धावा
- प्रदेश किसान संघर्ष, राजस्थान के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि केन्द्र सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है तो उनका संगठन 5 दिसंबर को संयुक्त मोर्चा के किसान नेताओं से वार्ता कर दिल्ली कूच करेगा.

जयपुर. दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए अब पूर्वी राजस्थान के किसान भी दिल्ली कूच करेंगे. प्रदेश किसान संघर्ष, राजस्थान के पदाधिकारियों की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है. यह बैठक समिति के प्रदेश संयोजक हिम्मत सिंह गुर्जर के दौसा स्थित निवास पर आयोजित हुई. बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने कई प्रस्ताव पास करते हुए दिल्ली कूच का ऐलान किया है.
किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि केन्द्र सरकार को राजस्थान का किसान चेतावनी देता है कि यदि तीन दिसंबर तक केन्द्र सरकार किसानों की सभी मांगों को नहीं मानती है तो राजस्थान का किसान भी दिल्ली कूच करेगा. उन्होंने कहा कि हमारा संगठन इसके लिए 5 दिसंबर को संयुक्त मोर्चा के किसान नेताओं से वार्ता करेगा. इसके बाद उनके दिशा-निर्देश की पालना की जाएगी. संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कोरोना गाइडलाइन के तहत आठ प्रतिनिधियों ने जरिए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दौसा जिला कलक्टर को सौंपा है.
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इसमें सबसे प्रमुख मांग है कि केन्द्र सरकार की ओर से पिछले दिनों जो तीन किसान विरोधी कानून लाए गए हैं, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए. साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित अन्य मांगें शामिल हैं. हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की समस्याओं को देखते हुए उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए. किसानों से सीधे मुलाकात कर उनकी समस्याओं को देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि 3 दिसंबर तक समाधान नहीं होता है तो उन्हें भी मजबूरन आंदोलन में कूदना होगा.
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