साढे़ साती के प्रभाव से बचना है तो शनिवार को ना करना भूलें ये पाठ, होंगे सभी दुख

Anuradha Raj, Last updated: Sat, 11th Sep 2021, 7:37 PM IST
  • न्याय और कर्मफल का देवता शनि देव को माना जाता है. शनि देव को काले रंग की चीजें खूब पसंद आती हैं. अगर साढ़े साती या शनि ढैय्या से बचना चाहते हैं तो शनिवार के दिन शनि स्त्रोत का जाप जरूर करें.
शनि दोष को ऐसे करें दूर

हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी ना किसी देवी देवता को समर्पित किया गया है. ऐसे में भगवान शनिदेव को शनिवार का दिन समर्पित होता है. जिंदगी शनि दोष के कारण बद से बदतर हो जाती है. ऐसे में शनिदेव की पूजा शनिवार को विधि-विधान से करना ना भूलें. इतना ही नहीं अगर आपको शनि देव के प्रकोप, ढैय्या या साढ़ेसाती से बचना है तो शनि स्त्रोत का पाठ करना कभी ना भूलें. ऐसा करने से शनि देव अपनी कृपा आप पर बरसाएंगे. जिस पर शनि देव प्रसन्न होते हैं उनके जीवन में खुशहाली होती है….

ये है शनि स्त्रोत

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरुपाय कृतान्ताय च वै नमः।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च। नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

नम: पुष्कलगात्राय स्थुलरोम्णेऽथ वै नमः। नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नमः। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते। सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते। नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तु ते।।

तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च। नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नमः।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे। तुष्टो ददासि वै राज्यं रूष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्र्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:। त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।।

प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे। एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।।

 

ये है शनि स्त्रोत का महत्व

शनि स्त्रोत के प्रभाव से इंसान के ऊपर से शनि का प्रकोप खत्म हो जाता है. इतना ही नहीं बल्कि जो नियमित रूप से इस स्त्रोत को पढ़ता है उसे शनिदोष से मुक्ति मिल जाती है. इतना ही नहीं वैवाहिक समस्या, जीवन में आर्थिक समस्या, पड़ोसी से बिगड़े संबंध, परिवार में तनाव सबमें सुधार आता है. इसलिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है शनि स्त्रोत का पाठ करना.

 

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें