जयपुर: अब हर सहकारी समिति बेच सकेगी खाद दवा बीज
- राज्य की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियां खाद, बीज और कीटनाशक बेच सकेंगी. समितियों को जारी किए जाएंगे बिक्री के लाइसेंस समितियों को पात्र बनाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र से दिलाया जाएगा प्रशिक्षण

जयपुर। प्रदेश में सहकारी समितियों के लिए नई खुशखबरी आ गई है. अब प्रदेश की सभी सहकारी समितियां खाद बीज व कीटनाशक दवाएं बेच सकेंगी.
इसके लिए सहकारी समितियों को लाइसेंस जारी किया जाएगा.साथ ही उन्हें बिक्री के संबंधित नियम कायदे कानून समझाएं जाएंगे.
सभी सहकारी समितियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वह खाद और बीज की किसानों को सही जानकारी देते हुए बिक्री कर सके.
सहकारिता एवं कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने इस बारे में निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए 15 से 30 सितंबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखी अपनी बात
प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा एवं सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने शनिवार को ब्लॉक लेवल बैठक आयोजित की. इस दौरान उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित किया.
शनिवार को ब्लॉक लेवल तक आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सहकारी समितियों के व्यवस्थापक, निरीक्षक, सहायक रजिस्ट्रार, उप रजिस्ट्रार, संयुक्त रजिस्ट्रार, अतिरिक्त रजिस्ट्रार तथा कॉनफैड, सहकारी बैंकों, राजफैड में प्रतिनियुक्त अधिकारियों सहित करीब 4 हजार सहकारकर्मियों ने प्रतिभाग किया.
200 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को सहकारिता से जोडऩे के लिए ग्राम सेवा सहकारी समिति 200 नए सदस्य बनाएगी ताकि उन्हें ऋण, खाद, बीज एवं कीटनाशक जैसी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकें.
प्रदेश में कार्यरत हैं साढ़े छह हजार सहकारी समितियां
अभी प्रदेश में 6545 ग्राम सेवा सहकारी समितियां कार्यरत है. यह सभी समितियां ग्राउंड लेवल पर काम करती हैं. ग्रामीण स्तर पर यह गांव गांव संपर्क करती है.
ऐसे में इन सहकारी समितियों को लाइसेंस दिए जाने से खाद और बीज की किल्लत पर अंकुश लगाया जा सकेगा.
उन्होंने वर्ष 2022-23 तक 2 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन सुनिश्चित करने की बात कहते हुए सभी उप रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष में 1 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य पूरा करें.
एक माह में निपटाएं जांच
रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि जिन प्रकरणों में विभिन्न प्रकार की जांच लंबित हैं, उन्हें एक माह में निस्तारित करें.
उन्होंने निर्देश दिये कि जिन सहकारी समितियों में ऑडिटर नियुक्त नहीं किया है.
ऐसी समितियों को चिह्नित कर ऑडिटर नियुक्ति के साथ ही शत-प्रतिशत ऑडिट के लक्ष्य को पूरा करें.
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