जयपुर: कोरोना पॉजिटिव छात्रों के बिना एग्जाम दिए ही जारी JEE की आल इंडिया रैंक

Smart News Team, Last updated: Wed, 16th Sep 2020, 9:41 AM IST
  • जयपुर. एजेंसी ने पहले कहा परीक्षा होगी, बाद में मेन-1 के आधार पर जारी कर दिया रिजल्ट. जेईई मेन-2 में करीब दो लाख छात्र कोविड के चलते अनुपस्थित रहे.
प्रतीकात्मक तस्वीर

जयपुर। जेईई मेंस 2 की परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए छात्रों के परीक्षा दिए बिना ही एनटीए द्वारा ऑल इंडिया रैंक जारी कर दी गई है. ऐसे में कोरोना संक्रमण के चलते अनुपस्थित रहे छात्रों को बिना एग्जाम दिलाए ही रिजल्ट जारी कर दिया गया है. अनुपस्थित रहे छात्रों के जेईई मेन वन के आधार पर रिजल्ट जारी किया गया है जबकि पहले अनुपस्थित हुए छात्रों को परीक्षा दिलाए जाने की तैयारी की गई थी. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई मेन परीक्षा में कोविड पॉजिटिव छात्रों के साथ बड़ा धोखा किया है.

पहले एनटीए ने कहा था कि ऐसे छात्रों की परीक्षा बाद में होगी, लेकिन एनटीए ने बिना किसी परीक्षा के जेईई मेन-1 के आधार पर उनकी ऑल इंडिया रैंक तक घोषित कर दी. यानी बिना परीक्षा की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही कोविड पॉजिटिव छात्रों का परिणाम जारी कर दिया. एनटीए ने ऐसा कई छात्रों के साथ किया है. छात्रों की मार्कशीट में जेईई-2 (अप्रैल-सितंबर) में अनुपस्थित लिखा आ रहा है. वहीं ऑल इंडिया रैंक उनके मेन-1(जनवरी) के स्कोर के आधार पर निकाल दी गई, जो छात्र सिर्फ मेन-2 ही देना चाहते थे और संक्रमित होने से परीक्षा नहीं दे पाए, उनका भी साल बर्बाद होगा. सबसे पहले एनटीए ने पीड़ित छात्रों को सेंटर्स पर बुलाया.

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वहां उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि एग्जाम बाद में होगा. अब बिना परीक्षा दिलाए ही रैंक भी जारी कर दी गयी. जेईई मेन-2 में करीब दो लाख छात्र अनुपस्थित रहे थे, उनमें से कोविड के कारण कितने एब्सेंट रहे, उनकी संख्या अभी तक भी जारी नहीं हुई.

यह है JEE मेन 1 व 2 की प्रक्रिया

एनटीए साल में दो बार जनवरी व अप्रैल/सितंबर (सितंबर इस साल) जेईई मेन आयोजित करवाता है. दोनों परीक्षाओं को देने पर भी छात्र का एक ही अटैम्प्ट गिना जाता है. छात्र दोनों परीक्षा देने के पात्र होते हैं. जनवरी व अप्रैल की परीक्षा में जिस परीक्षा में उसका स्कोर अधिक होता है, वह स्कोर ही ऑल इंडिया रैंक व जेईई एडवांस्ड की कट ऑफ के लिए काउंट किया जाता है.केंद्र सरकार व मानव संसाधन मंत्रालय महत्वपूर्ण परीक्षाएं इसीलिए करवा रहा है कि छात्रों का साल बर्बाद नहीं हो, लेकिन एनटीए के इस कदम ने भी छात्रों का साल बर्बाद कर दिया है.

NTA पर पहले ही उठे थे सवाल

सबसे पहले एनटीए ने कोविड पीड़ितों की परीक्षा लिए बिना ही जेईई मेन 2 का रिजल्ट जारी कर दिया. एडवांस्ड का रजिस्ट्रेशन शुरू होने के बाद भी परीक्षा नहीं करवाई.ऐसे में उसकी मंशा पर सवाल खड़े हो गए थे. बाद में परीक्षा होने पर मेन-2 का पर्सेंटाइल निकालने में परेशानी होती. नीट एक ही स्लॉट में हुआ है, वह दोबारा संभव है.

 

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