जयपुर: 'प्रकृति की शोषण नहीं बल्कि पोषण से होगा सृष्टि का विकास'
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ समय से हम इस सोच के साथ जी रहे हैं कि प्रकृति का दायित्व मनुष्य पर नहीं है.मनुष्य का पूरा अधिकार प्रकृति पर है जिसका दुष्परिणाम सबके सामने है.
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत शुक्रवार की शाम जयपुर पहुंचे. राजस्थान में उनका चार दिनों का कार्यक्रम तय किया गया है.तय कार्यक्रम के अनुसार जयपुर में शुक्रवार को कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने अनौपचारिक बैठक की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ समय से हम इस सोच के साथ जी रहे हैं कि प्रकृति का दायित्व मनुष्य पर नहीं है.
मनुष्य का पूरा अधिकार प्रकृति पर है जिसका दुष्परिणाम सबके सामने है. यदि ऐसे ही चलता रहा तो न हम लोग बचेंगे और न ही सृष्टि बचेगी. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया. साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को पर्यावरण के प्रति सचेत रहने के लिए भी आगाह किया. उन्होंने कहा कि दुनिया में अभी जो जीवन जीने का तरीका प्रचलित है. वह पर्यावरण के अनुकूल नहीं है.
मनुष्य को पर्यावरण के अनुसार अपने आप को ढालना होगा
मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज मनुष्य पर्यावरण को जीत कर उसे अपने अनुरूप ढाल रहा है. मनुष्य पर्यावरण के अधीन ना होकर बल्कि पर्यावरण को स्वयं के अधीन कर रहा है जिससे पर्यावरण में असंतुलन उत्पन्न हो रहा है. तमाम असंतुलन के चलते ही मनुष्य को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं, किंतु मानव अपने स्वभाव में परिवर्तन नहीं ला रहा है. प्रकृति का हमें पोषण करना होगा ना कि इसका शोषण. प्रकृति से ही मनुष्य है ना कि मनुष्य से प्रकृति.
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इसलिए हमें प्रकृति के अनुरूप अपने आप को ढालना होगा और प्रकृति को बढ़ावा देना होगा जिससे कि वातावरण में संतुलन बना रहे. इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से उस संस्कार को जीवन में पुनर्जीवित करना है और आने वाली पीढ़ी भी यह सीखे, यह ध्यान रखना है. सरसंघचालक ने कहा कि भारत में जीने का तरीका अलग है। पेड़ में भी प्राण हैं, यह शुरू से भारत के लोग जानते हैं. शाम में पेड़ को नहीं छुआ जाता था.
अपने यहां घरों में सबका पोषण करने का भाव शुरू से रहा है. चींटी, गौ, कुत्ता व जरूरतमंद आदि को भोजन घरों में कराया जाता रहा है. इस दौरान सेवा भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री मूलचंद सोनी, प्रौढ़ कार्य प्रमुख कैलाशचंद्र, सत्यनारायण, कार्यालय प्रमुख सुदामा, उदयसिंह, गोपाल आदि उपस्थित रहे.
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