शाही महल जैसा है राज मंदिर सिनेमा हॉल, मिल चुकी है 'प्राइड ऑफ एशिया' की उपाधी

Smart News Team, Last updated: Sun, 18th Jul 2021, 2:27 PM IST
  • राजमंदिर सिनेमा हॉल में एक साथ 1300 लोग बैठक फिल्में देख सकते हैं, इसी वजह से यह एशिया का सबसे बड़ा सिनेमा हॉल भी है. मल्टीप्लेक्स को चार हिस्सों में बाटां गया है, पर्ल, रुबी, एम्राल्ड और डायमंड. इसी के अनुसार लोग सिनेमाहॉल के टिकटों के खरीदते हैं.
राजमंदिर सिनेमा हॉल में एक साथ 1300 लोग बैठक फिल्में देख सकते हैं, इसी वजह से यह एशिया का सबसे बड़ा सिनेमा हॉल भी है. (Credit: The Raj Mandir Official Website)

रजवाड़ों के शहर जयपुर में यूं तो पर्यटन के लिए काफी जगहें मौजूद हैं. यहां पर राज महल से लेकर ऐतिहासिक किले तक पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं. लेकिन जयपुर में स्थित राज मंदिर सिनेमा हॉल लोगों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है. इस सिनेमा हॉल ने केवल देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. जयपुर का गौरव कहा जाने वाले इस मल्टीप्लेक्स को 'प्राइड ऑफ एशिया' की उपाधि भी मिल चुकी है.

दिखने में ये सिनेमा हॉल किसी शाही महल से कम नहीं लगता. इसमें कारीगरों द्वारा बारीक नक्काशी की गई है, जो लोगों को काफी आकर्षित करती हैं. मल्टीप्लेक्स में अंदर बड़े-बड़े झूमर लगाए गए हैं. यहां का लाइटिंग सिस्टम बेहद ही खूबसूरत है. यहां पर फिल्म देखने के लिए मखमल के परदे लगे हुए, जो मल्टीपेल्केस के शाही प्रभाव को दर्शाता है. साथ ही सिनेमा हॉल के अंदरूनी हिस्सों में एक सेंट्रल एयर कंडीशनिंग प्रणाली, मूड लाइट और एयर फ्रेशनर लगे हुए हैं. बता दें, राजमंदिर सिनेमा हॉल में एक साथ 1300 लोग बैठक फिल्में देख सकते हैं, इसी वजह से यह एशिया का सबसे बड़ा सिनेमा हॉल भी है.

 

साल 1976 में करीब 10 साल बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने इसका उद्घाटन किया था. (Credit: The Raj Mandir Official Website)

मल्टीप्लेक्स को चार हिस्सों में बाटां गया है, पर्ल, रुबी, एम्राल्ड और डायमंड. इसी के अनुसार लोग सिनेमाहॉल के टिकटों के खरीदते हैं.

राज मंदिर सिनेमा हॉल का इतिहास: राज मंदिर सिनेमा हॉल की परिकल्पना प्रसिद्ध वास्तुकार डब्ल्यू एम नामजोशी ने की थी. वह इस सिनेमा हॉल में आधुनिकता और शाही समायोजन को दर्शाना चाहते थे. इस मल्टीप्लेक्स की नींव साल 1966 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाडिया ने रखी थी. साल 1976 में करीब 10 साल बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने इसका उद्घाटन किया था. इस सिनेमा हॉल में सबसे पहले रामानंद सागर द्वारा निर्देशित 'चरस' फिल्म को दिखाया गया था.

राज मंदिर सिनेमा हॉल में हर रोज दोपहर 12.30 से 3.30 और शाम 6.30 से 9.30 तक फिल्में दिखाई जाती हैं. (Credit: The Raj Mandir Official Website)

शो टाइमिंग और टिकट: राज मंदिर सिनेमा हॉल में हर रोज दोपहर 12.30 से 3.30 और शाम 6.30 से 9.30 तक फिल्में दिखाई जाती हैं. यहां पर फिल्में देखने की टिकट 100 रुपये से 350 रुपये तक है, जो बैठने की श्रेणि पर निर्भर करता है.

कैसे पहुंचे: राज मंदिर सिनेमा हॉल के सबसे नजदीक सांगानेर हवाई अड्डा है. यहां पर भारत के प्रमुख शहरों से फ्लाइट से यात्रा करके आप जयपुर पहुंच सकते है, यहां से बस, टैक्सी या फिर कैब के जरिए सिनेमा हॉल तक पहुंच सकते हैं. मल्टीप्लेक्स के सबसे पास जयपुर रेलवे स्टेशन है. यहां से भी आप टैक्सी के जरिए सिनेमा हॉल पहुंच सकते हैं.

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