जयपुर में अब रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी पर लगाम, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Smart News Team, Last updated: Fri, 7th May 2021, 2:28 PM IST
रेमडेसिविर इंजेक्शन की पूरे देश में कालाबाजारी हो रही है। इसके कारण मरीजों के परिजनों को मजबूरन भारी दाम चुकाने पड़ रहे हैं। लेकिन, राजस्थान के चिकित्सा विभाग ने अब ऐसी योजना बनाई है कि जिससे इन्जेक्शन की कालाबाजारी रोकी जा सके | इसी क्रम में जयपुर के बड़े हॉस्पिटल का चिकित्सा विभाग ने किया निरीक्षण |
प्रतिकात्मक तस्वीर

देशभर में कोरोना के उपचार में काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है। मरीजों को यह इंजेक्शन सरकार की ओर से निर्धारित दामों से कई गुना ज्यादा दाम चुकाने पर मिल रहा है। साथ ही राजस्थान के जयपुरमें पुलिस ने अब तक ऐसे कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जो मनमाने दामों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन को बेच रहे थे। लेकिन, अब सरकार एक ऐसा प्लान लाई है, जिससे इसकी कालाबाजारी पर रोक लगेगी।

दरअसल, अब प्रदेश के अस्पतालों में कोरोना वार्ड में प्रतिदिन भेजे जाने वाले इंजेक्शन्स पर संबंधित मरीज का नाम, आईपीडी नंबर एवं तिथि अंकित कर नर्सिंग स्टॉफ को दिया जाएगा। साथ ही इंजेक्शन मरीज को लगाने के बाद इनके आउटर कार्टन समेत खाली वायल को अस्पताल में नियुक्त नोडल ऑफिसर से वेरिफिकेशन के बाद पूर्णतया नष्ट करवाया जाएगा ताकि इनकी चोरी या दुरूपयोग पर अंकुश लगाया जा सके। चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों के अटेन्डेन्ट को व्यक्तिगत रूप से इंजेक्शन खरीदकर लाने के लिए प्रिस्क्रिप्शन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के उपयोग के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद की प्रक्रिया अब केवल अस्पताल के स्तर पर पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल कालाबाजारी बल्कि इंजेक्शंस के दुरूपयोग पर भी रोक लगेगी। बता दें कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर अस्पतालों में दवाओं की कालाबाजारी रोकने व निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली को जांचने के लिए बनाई टीम ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में चिकित्सा विभाग की टीम ने गुरुवार को सी के बिड़ला हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल के नावेद अहमद को रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया था। अस्पताल ने उसके पास रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त होने की कोई जानकारी नहीं होना बताया।औषध नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने नावेद से संबंधित प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान के लिए संबंधित पुलिस थाना को सूचना देने की कार्यवाही की गई। टीम ने मौके पर अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक वैरीफाई किया और रिकॉर्ड जांचनें पर पाया गया कि अस्पताल द्वारा कोरोना वार्ड में भेजी गई रेमडेसिविर इंजेक्शन का रिकॉर्ड डेली इस्यू रजिस्टर में अंकित किया जाता है, जिस पर नर्सिंग स्टाफ एवं पैशेनट के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं। शर्मा ने बताया कि आरयूएचएस कोविड सेन्टर की तथ्यात्मक रिपोर्ट इंचार्ज डॉ. अजीत सिंह से मंगवाई जाएगी। 

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