जयपुर: विशेष अभियान के तहत शहर में खोजे जाएंगे टीबी के मरीज

Smart News Team, Last updated: Sun, 4th Oct 2020, 10:52 AM IST
  • टीबी रोग की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत राज्य में टीबी रोगियों की खोज के लिए तीन से सोलह अक्टूबर तक स्क्रीनिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर

जयपुर। राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी के मरीजों की खोजबीन जारी हो चुकी है. स्वास्थ विभाग की टीम द्वारा शहर के टीवी मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही फाइंडिंग ऑपरेशन के तहत टीबी मरीजों की खोजबीन कर उनका इलाज किया जा रहा है. यह अभियान 3 अक्टूबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक चलेगा. जिसमें शहर के तमाम टीबी मरीजों की खोजबीन कर उनका इलाज किया जाएगा.

आपको बता दें कि राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग जहां वैश्विक महामारी कोरोना का डटकर मुकाबला कर रहा है, वहीं टीबी की रोकथाम के लिए टीबी रोगी खोज अभियान का शनिवार से प्रथम चरण भी शुरू किया गया हैं. राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनोद कुमार गर्ग ने बताया कि विभाग ने टीबी रोग की रोकथाम के लिए तैयारी कर ली है और राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत राज्य में टीबी रोगियों की खोज के लिए तीन से सोलह अक्टूबर तक स्क्रीनिंग के लिए विशेष अभियान के तहत एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जा रहा है.

इस अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों, एएनएम एवं आशा सहयोनियों की ओर से जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सामूहिक रूप से इस संघन टीबी रोग खोज अभियान को आयोजित किया जा रहा है.

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स्वास्थ्य विभाग ने विशेष चिन्हित क्षेत्रों का किया माइक्रोप्लान तैयार

राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनोद कुमार गर्ग ने बताया कि इसके लिए जिला, ब्लॉक एवं सीएचसी-पीएचसी स्तर पर टीबी रोग की अधिकता की आशंका वाले विशेष चिन्हित क्षेत्रों का माइक्रोप्लान तैयार किया गया है. राज्य क्षय रोग अधिकारी उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य, जिला स्तर से ब्लॉक स्तरीय कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

डॉ. गर्ग ने बताया कि अभियान के तहत आशा सहयोगिनी, एएनएम एवं अन्य स्वास्थ्य कार्मिकों के माध्यम से घर-घर सर्वे कार्य तीन अक्टूबर से प्रारंभ होगा, जिसमें संभावित टीबी रोगी की नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराई जाएगी.

घर-घर देंगे स्वास्थ्यकर्मी दस्तक

अभियान में संभावित टीबी रोगी की तलाश में विभागीय टीम विशेष रूप से कच्ची बस्तियों, खनन क्षेत्र, कुपोषित वर्ग, दूर-दराज के गांव-ढाणियों, निर्माण क्षेत्र आदि घर-घर दस्तक देंगी एवं टीबी रोगी चिह्नित करेंगी, ताकि उनका समुचित उपचार हो सके.

सर्वे के दौरान जिस भी घर में किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, भूख कम लगना, लगातार वजन में गिरावट, बलगम में खून आदि लक्षण मिलेंगे उन्हें संभावित टीबी रोगी मानते हुए चिह्नित किया जाएगा.

रोगी का उपचार सभी संस्थानों पर नि:शुल्क

राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनोद कुमार गर्ग ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी रोगी का उपचार समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर नि:शुल्क उपलब्ध है, जिसमें रोगी को नि:शुल्क दवा के साथ निक्षय पोषण योजना के तहत सभी रजिस्टर रोगियों को उपचार अवधि तक प्रतिमाह 500 रुपए की पोषण राशि भी दी जा रही है.

 

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