जयपुर में तीन ग्रैजूएट और 2 पोस्ट ग्रैजूएट भिखारी, चाहते है सम्मान कि ज़िंदगी

Smart News Team, Last updated: Wed, 26th Aug 2020, 3:41 PM IST
  • जयपुर कमिश्नरेट पुलिस के थाना स्तर पर सर्वे के दौरान पाए गए 1162 भिखारी में से 3 ग्रैजूएट और 2 पोस्ट ग्रेजुएट भिखारी भी मिले. पुलिस ने शुरू की इन भिखारियों के पुनर्वास की योजना 
प्रतीकात्मक तस्वीर 

जयपुर: जयपुर शहर अब जल्द ही भिखारियाें से मुक्त हाेने वाला है. भिखारियाें के पुनर्वास के लिए जयपुर कमिश्नरेट में थाना स्तर पर सर्वे किया गया है कि काैन भिखारी कहां से आया है और जयपुर में कब से है. इस सर्वे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी. अब तक पुलिस के रिकार्ड में आए 1162 भिखारियाें से 3 ग्रैजूएट और 2 पोस्ट ग्रेजुएट भिखारी भी मिले. 

पुलिस द्वारा एकत्रित जानकारी में 419 ने कहा है कि अगर उन्हें काेई काम मिले ताे वे भीख मांगना छोड़ देंगे. पुलिस ने तो सात भिखारियों पुनर्वास भी कर दिया है.

पुलिस ने भिखारियाें से जब उनकी इच्छा से पूछा कि वे क्या काम करना चाहते हैं ताकि उन्हें काम उपलब्ध करवाया जा सके, इन भिखारियाें में से 27 ने पुलिस से पढ़ने की इच्छा जताई है. 231 भिखारियों ने बेलदारी का काम करने की इच्छा जाहिर की. 160 भिखारियों ने कहा कि उन्हे काम पसंद नहीं है वो सिर्फ भीख मांगना चाहते है .करीब 100 भिखारियों ने मजदूरी कर पेट पालने का वादा किया है, तो 50 से ज्यादा भिखारी कैटरिंग का काम करना चाहते हैं.

पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव का कहना है कि जयपुर काे भिखारियाें से मुक्त करना है. जाे जयपुर में भीख मांग रहे हैं उनकी पूरी जानकारी हमने एकत्र करा ली है. उनमें कई लाेगाें ने काम करने की इच्छा जताई है. अब इनका पुनर्वास करवा रहे हैं.

कोरोना के चलते करोड़ों लोगों का रोज़गार छिन गया है, जिसका असर सड़क पर भीख माँगने वालों पर भी पड़ा है. कई शहरों में लॉक डाउन की वजह से वाहनों की आवाजाही कम हुई है. जिसके कारण सड़क पर कम लोग ही भीख माँगने वालों को पैसे या भोजन दे रहे हैं.

 

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