इंदौर के सांवेर में उपचुनाव की बिना तारीख तय शुरू हुआ सियासी संग्राम
- एमपी के विधानसभा उपचुनाव की तारीख तय होने से पहले ही कोरोना को लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने सामने हो गए. सांवेर के 20 गांवों में 5 बड़े नेता और 15 से ज्यादा कार्यकर्ता कोरोना की चपेट में आ गए है.

मध्यप्रदेश में इंदौर के सांवेर विधानसभा उपचुनाव की तारीख और उम्मीदवारों की अधिकृत घोषणा नहीं हुई है.इसके बावजूद कोरोना महामारी के बीच चुनावी घमाशान जारी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के प्रत्याशी अघोषित रूप से मैदान में उतर चुके हैं. तुलसी के पौधे से लेकर शिवलिंग तक बांटे जा चुके हैं. राम जन्मभूमि पूजन पर दोनों पार्टियों ने लड्डू बांटे, मतदाताओं ने खा भी लिए और स्वाद की समीक्षा भी कर दी. इन्हीं चुनावी गतिविधियों का नतीजा है कि पहले यहां इक्का-दुक्का मरीज आ रहे थे. लेकिन अब तेजी से संख्या बढ़ रही है. कोरोना ने दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों को तो अस्पताल पहुंचा दिया लेकिन गांवों में इसी राजनीति के कारण न ज्यादा दिनों तक कंटेनमेंट जोन रहे न बैरिकेड्स एंट्री रोक सके. वह भी ऐसी कि टीम कोरोना मरीजों को लेने जाती है तो सरपंच सहित गांव इकट्ठा हो जाता है. प्रशासन कंटेनमेंट जोन घोषित तो करता है, लेकिन वहां बैरिकेडिंग दो दिन से ज्यादा नहीं रह पाती.
चुनावी घमाशान के चलते लोग जमकर कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रहे है. कांग्रेस हर हर महादेव अभियान चला रही है. तो वहीं भाजपा भी जन सभाएं कर रही है.कोरोना संक्रमित लोग मिले तो प्रशासन को उल्टे पैर लौटना पड़ रहा है.
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