जनाजे में हजारों की भीड़ का मामला, MLA रफीक खान पर दर्ज केस वापस लेने की मांग
- जयपुर के रामगंज इलाके में जनाजे में हजारों लोगों की भीड़ जुटने के बाद विधायक रफीक खान समेत कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इस रिपोर्ट में तफ्तीश शुरू होने से पहले ही प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है.

जयपुर. तीन दिन पहले राजधानी के रामगंज इलाके में हाजी रफअल अली के इंतकाल के बाद उनके जनाजे में हजारों लोगों की उमड़ी भीड़ से जयपुर पुलिस के साथ ही सरकार पर भी लोगों ने सवाल उठा डाले थे. ऐसे में जयपुर पुलिस की ओर से आदर्श नगर के कांग्रेस विधायक रफीक खान समेत कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी.
इस रिपोर्ट में लिखा गया कि रामगंज में समाजसेवी के जनाजे के साथ भीड़ को चलने के लिए स्थानीय विधायक रफीक खान ने ही उकसाया था. पुलिस ने भीड़ को रोका तो विधायक ने मना कर दिया. बार—बार समझाने के बाद भी विधायक और वहां मौजूद लोग नहीं माने. यह मामला दर्ज होने के बाद अब विधायक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.
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इधर, रिपोर्ट दर्ज होने के बाद और तफ्तीश शुरू होने से पहले ही प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है. विधायक की ओर से करीब तीन दर्जन से ज्यादा पार्षद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के पास भेजे गए. इन पार्षदों ने विधायक रफीक खान के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की है.
जयपुर हेरिटेज के वार्ड नंबर 93 के कांग्रेस पार्षद नीरज अग्रवाल का कहना है कि हाजी एक धर्मगुरु थे. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे और उन्हें समझाने के लिए विधायक रफीक खान वहां गए. लेकिन, जनता नहीं मानी और धर्मगुरु में आस्था होने के चलते बड़ी संख्या में लोग जनाजे में पहुंचे. विधायक रफीक खान से कुछ पुलिसकर्मी व्यक्तिगत द्वेषता रखते हैं. इस कारण यह कदम उठाया है. उन्होंने मांग की है कि पहले इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और उसके बाद इस एफआईआर को वापस लें. जबकि उप महापौर असलम फारूकी ने कहा कि पुलिस ने गलत कदम उठाया है. एफआईआर वापस ली जाए.
बता दें कि पुलिस ने विधायक रफीक खान के साथ नायाब, कामिल, वसीम पुत्र अजीज, जावेद, अकरम, वसीम, जुनैद, ओवेश, सिराज फाइटर एचएस, आदिल व अन्य लोगों के खिलाफ गैर अनुमत भारी भीड़ को उकसाते हुए एकत्रित करने के साथ ही कोरोना के घातक संक्रमण के बावजूद लोगों के जीवन को संकट में डालने का मुकदमा दर्ज किया है. यह मुकदमा आईपीसी की धारा 188, 269, 336 व राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 की धारा 3 व 4 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत दर्ज किया गया है.
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पुलिस ने रिपोर्ट में लिखा है कि उन्होंने भीड़ को पहाड़गंज मोड़ पर रोक दिया था. तभी विधायक सहित कई लोग पुलिस से जोर जबरदस्ती करते हुए आगे बढ़ गए. विधायक और कुछ लोगों ने भीड़ को उकसाया. इसके बाद भीड़ सूरजपोल की ओर से नारेबाजी करते हुए निकल गई.
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