जयपुर में रलवे के कोविड केयर कोच स्टेशन की बढ़ा रहे शान , अब तक नही लिया गया काम

Smart News Team, Last updated: Sat, 15th May 2021, 11:31 AM IST
  • राजस्थान में चार रेल मंडलों की ओर से कोरोना महामारी से निपटने के लिए 202 कोच को ​कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया गया था. अकेले जयपुर में 47 कोच खड़े हैं .लेकिन, अब तक इनका कोई इस्तेमाल ही नहीं किया गया.
प्रतिकात्मक तस्वीर 

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं. बेड के चक्कर में लोग दर—दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. लेकिन, जयपुर सहित छह शहरों में रेलवे की ओर से 202 कोच को कोविड केयर में पिछले साल बदला गया था. इन कोचों को अब तक उपयोग में नहीं लिया गया है. जानकारी के अनुसार यदि इन रेलवे कोच को काम में लिया जाए तो हजारों लोगों को राहत मिल सकती है. बता दें कि जयपुर मंडल ने 47 कोच में 752, अजमेर मंडल ने 83 कोच में 1328, जोधपुर मंडल ने 33 कोच में 528 और बीकानेर मंडल ने 39 कोच में 624 बेड कोविड केयर के लिए तैयार किए थे. रेलवे ने करीब एक करोड़ रुपए खर्च कर इन्हें सुविधायुक्त बनाया था.

 

जयपुर मंडल की ओर से तैयार किए गए 47 कोच बैस गोदाम रेलवे स्टेशन के पास खड़े है. इसमें 752 मरीजों को शिफ्ट किया जा सकता है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक एक कोच में 16 मरीजों को आइसोलेट किया जा सकता है. हर कोच में मेडिकल स्टाफ के लिए अलग से केबिन बनाए गए हैं. यहां आॅक्सीजन की व्यवस्था भी की गई है. अधिकारियों की मानें तो प्रत्येक बोगी को तैयार करने में 50 हजार रुपए से अधिक का खर्चा आया है.

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रेलवे अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने 19 अप्रेल को मुख्य सचिव को पत्र लिखा और कहा कि कोच पूरी तरह से तैयार हैं. सरकार चाहे तो इनका उपयोग कर सकती है. लेकिन राज्य सरकार ने इनका उपयोग अब तक नहीं किया. हालांकि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में इस तरह के कोच को उपयोग में लिया जा रहा है. पिछले साल भी 266 कोच तैयार किए थे, उनमें भी किसी रोगी को भर्ती नहीं किया गया. बता दें कि कोच में बाथरूम को लैब में बदला गया है. सीट हटाकर बनाए केबिन में आॅक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई है. केबिन में डस्टबिन, डिस्पोजेबल बेड, चादर, तौलिया, थाली, कटोरी, गिलास आदि भी रखे गए हैं. खिड़की और गेटों को मच्छरदानी से ढका गया है. मेडिकल सामग्री रखने के लिए हर केबिन में दो बोतल होल्डर हैं. शौचालय और स्नानागार की भी व्यवस्था की गई है.

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