राजस्थान: अविश्वास की हकीकत, 13 बार लाया गया अविश्वास प्रस्ताव नहीं गिरी सरकार

Smart News Team, Last updated: Fri, 14th Aug 2020, 5:23 PM IST
  • राजस्थान की सियासत में अविश्वास प्रस्ताव वैसे तो कोई नई बात नहीं है.पहली बार साल 1981 में जगन्नाथ पहाड़िया की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था,फिर साल 1985 में लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव करीब 17 साल मोहनलाल सुखाड़िया मुख्यमंत्री रहे और 6 बार उन्हे अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा.
साचिन पायलट और अशोक गहलोत

राजस्थान की सियासत में चल रहा सियासी बवंडर अब पूरी तरह से थम चुका है.आज मुख्यमंत्री गहलोत सरकार ने ध्वनिमत से विश्वासमत हासिल कर प्रदेश के सियासी इतिहास को फिर से बिगड़ने से बचा लिया.साल 1985 से लेकर 14 अगस्त 2020 तक 13 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है.साथ ही 5 बार विश्वास प्रस्ताव विधानसभा लाया जा चुका है. लेकिन राजस्थान की सियासत में यह एक ऐसा इतिहास है कि अब तक राजस्थान में कोई भी सरकार नहीं गिरी है. पहली बार जगन्नाथ पहाड़िया,टिकाराम पालीवाल,मोहनलाल सुखाड़िया,फिर हरिदेव जोशी इतना ही विधानसभा में अंतिम बार 13वीं विधानसभा में अशोक गहलोत ने 3 जनवरी 2009 को विश्वास मत का सामना किया था। आज गहलोत की तरफ से पेश पांचवां विश्वास मत था आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अविश्वात प्रस्ताव की अग्नि परीक्षा पार कर नया इतिहास बना दिया. अब अगले 6 महीनों तक मुख्यमंत्री गहलोत की सरकार को कोई खतरा नहीं है.

पहली बार साल 1981 में जगन्नाथ पहाड़िया की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था,फिर साल 1985 में लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव करीब 17 साल मोहनलाल सुखाड़िया मुख्यमंत्री रहे और 6 बार उन्हे अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा, लेकिन सरकार नहीं गिरी.आज भी मुख्यमंत्री गहलोत की जादूगरी के आगे सब फेल हो गए.और कांग्रेस ध्वनिमत से पास हो गई.

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